

दो दिवसीय क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भगवानपुर ब्लॉक के ग्राम सरडेढ़ी शाहजहांपुर स्थित मंगलमय CLF में 25 से 26 सितंबर तक किया गया। पढ़ें पूरी खबर
Haridwar News: हरिद्वार की महिला किसान अब जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि में स्मार्ट कदम उठा रही हैं। उत्तराखंड ग्रामीण विकास समिति के अंतर्गत संचालित ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना/ग्रामोत्थान योजना के तहत दो दिवसीय क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भगवानपुर ब्लॉक के ग्राम सरडेढ़ी शाहजहांपुर स्थित मंगलमय CLF में 25 से 26 सितंबर तक किया गया।
पशुपालन के मास्टर ट्रेनर
मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार श्रीमती आकांक्षा कोंड के निर्देशन और जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिला किसानों को जलवायु अनुकूल और टिकाऊ कृषि पद्धतियों से जोड़ना था। प्रशिक्षण का संचालन सहायक प्रसार कृषि एवं पशुपालन के मास्टर ट्रेनर सौरभ गिरी ने किया।
रोगों की पहचान और उनकी रोकथाम
कार्यक्रम में कुल 26 महिला किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सत्रों के दौरान महिलाओं को क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर (CSA) की अवधारणा, इसके प्रमुख स्तंभ, जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव और समाधान पर विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों को बीजों की उन्नत किस्मों का चयन, विभिन्न फसलों में लगने वाले कीट एवं रोगों की पहचान और उनकी रोकथाम के लिए एकीकृत जीवनाशी प्रबंधन (IPM) तकनीक सिखाई गई।
आर्थिक स्थिति को सुदृढ़
इसके अलावा, प्राकृतिक खेती, उन्नत शस्य क्रियाएं, शून्य जुताई, सिंचाई प्रबंधन और समेकित कृषि प्रणाली को अपनाने पर भी जोर दिया गया। प्रशिक्षण में केवल खेती तक ही सीमित न रहते हुए महिलाओं को आय के वैकल्पिक साधनों की भी जानकारी दी गई। इसमें पशुपालन और बकरी पालन की आधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बना सकें।
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महिला किसानों ने इस प्रशिक्षण को अत्यंत उपयोगी बताया और कहा कि बदलते मौसम और घटते संसाधनों की परिस्थितियों में यह जानकारी उनके लिए वरदान साबित होगी। कार्यक्रम की सफलता से अब मंगलमय CLF की महिलाएं आधुनिक और जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपनी खेती को टिकाऊ, उत्पादक और लाभकारी बना सकेंगी। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि होगी बल्कि उनकी आजीविका भी अधिक सशक्त और सुरक्षित होगी। इस तरह, हरिद्वार की ग्रामीण महिलाएं अब कृषि क्षेत्र में अपनी पहचान ‘स्मार्ट लेडीज ऑफ एग्रीकल्चर’ के रूप में बनाने की ओर अग्रसर हैं।