

अगस्त 2024 में सुमित जायसवाल और उनकी मां एक ई-कॉमर्स एप HIBOX INDIA Fun Shopping 4 Earning Platform के झांसे में आ गए थे। ऑनलाइन निवेश के नाम पर साइबर ठगों ने उनके खातों से कुल 14 लाख रुपये उड़ा लिए। ठगी का शिकार होने के बाद सुमित ने 27 अगस्त 2024 को बहादराबाद थाने में तहरीर दी।
प्रतीकात्मक छवि
Haridwar: बहादराबाद की सुनारों वाली गली निवासी सुमित जायसवाल के परिवार के लिए सोमवार का दिन राहत और खुशी लेकर आया। करीब एक साल पहले ऑनलाइन ठगी में गंवाए गए लाखों रुपये पुलिस और साइबर सेल की अथक मेहनत के बाद आखिरकार वापस मिल गए। पीड़ित परिवार ने रकम लौटते ही पुलिस के प्रयासों के लिए भावुक होकर आभार व्यक्त किया।
अगस्त 2024 में सुमित जायसवाल और उनकी मां एक ई-कॉमर्स एप HIBOX INDIA Fun Shopping 4 Earning Platform के झांसे में आ गए थे। ऑनलाइन निवेश के नाम पर साइबर ठगों ने उनके खातों से कुल 14 लाख रुपये उड़ा लिए। ठगी का शिकार होने के बाद सुमित ने 27 अगस्त 2024 को बहादराबाद थाने में तहरीर दी।
शिकायत मिलने पर इंस्पेक्टर नरेश राठौर ने मामले की जांच एएसआई राकेश कुमार को सौंपी और साइबर सेल से समन्वय बनाने के निर्देश दिए। जांच में पता चला कि ठगी की रकम चेन्नई स्थित एक बैंक खाते में ट्रांसफर हुई है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खाते को होल्ड कराया और संबंधित बैंक से कानूनी पत्राचार शुरू कर दिया।
करीब एक साल तक चली लंबी कानूनी प्रक्रिया, निरंतर फॉलो-अप और साइबर सेल की तकनीकी मदद से आखिरकार 13.49 लाख रुपये वापस पीड़ित के खाते में आ गए। रकम मिलने की सूचना मिलते ही जायसवाल परिवार की आंखों में खुशी के आंसू आ गए और उन्होंने राहत की सांस ली।
सुमित जायसवाल ने कहा, "जिस रकम को हम हमेशा के लिए खो चुके समझ बैठे थे, उसके लौटने से हमारा पुलिस और न्याय व्यवस्था पर भरोसा और मजबूत हुआ है।" उन्होंने इंस्पेक्टर नरेश राठौर, एएसआई राकेश कुमार और साइबर सेल के हेड कांस्टेबल नीरज कुमार के प्रयासों के लिए दिल से आभार जताया।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला इस बात का उदाहरण है कि समय पर शिकायत, तकनीकी जांच और कानूनी प्रक्रिया के सही पालन से साइबर ठगी में गंवाए गए पैसे वापस मिलना संभव है। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध ऑनलाइन स्कीम में निवेश करने से पहले पूरी तरह जांच-पड़ताल जरूर करें और ठगी की आशंका होने पर तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
हरिद्वार पुलिस और साइबर सेल की यह सफलता न सिर्फ पीड़ित परिवार के लिए राहत लेकर आई, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी यह भरोसा जगाती है कि ठगी के मामलों में न्याय पाना संभव है, बशर्ते समय पर कार्रवाई की जाए और धैर्य बनाए रखा जाए।