

जनपद के रानीपुर स्थित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के कारखाने में गुरुवार को एक बड़े हादसे की खबर है। हादसे में टीन शेडिंग बदलने का काम कर रहे एक मजदूर की ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई।
Haridwar: जनपद के रानीपुर स्थित भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के कारखाने में बुधवार शाम एक बड़ा हादसा हो गया। हादसे में टीन शेडिंग बदलने का काम कर रहे एक मजदूर की ऊंचाई से गिरकर मौत हो गई।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मृतक मजदूर की पहचान सहारनपुर निवासी अश्वनी कुमार (35 वर्ष) के रूप में हुई है।
बताया जा रहा है कि अश्वनी भेल कारखाने के ब्लॉक-1 में मरम्मत कार्य के तहत छत पर टीनशेड बदलने का काम कर रहा था। इसी दौरान उसका अचानक संतुलन बिगड़ गया और वह ऊंचाई से सीधे नीचे जमीन पर आ गिरा।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मजदूर के गिरते ही वहां हड़कंप मच गया। आसपास काम कर रहे अन्य मजदूर तुरंत उसकी तरफ दौड़े, लेकिन गंभीर चोटें लगने के कारण अश्वनी की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही भेल प्रशासन और रानीपुर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। रानीपुर कोतवाली प्रभारी कमल मोहन भंडारी ने बताया कि मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है और घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
हादसे को लेकर मजदूरों में आक्रोश है। मजदूरों का कहना है कि भेल प्रबंधन की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण आए दिन ऐसे हादसे होते रहते हैं।
मौके पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि टीन शेडिंग बदलने जैसे खतरनाक काम के दौरान मजदूरों को जरूरी सुरक्षा उपकरण तक नहीं दिए जाते। मजदूर बिना सेफ्टी बेल्ट और हेलमेट के ही ऊंचाई पर काम करने को मजबूर रहते हैं, जिससे उनकी जान पर हर वक्त खतरा मंडराता रहता है।
मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने भेल प्रशासन से मांग की है कि मृतक मजदूर के परिवार को उचित मुआवजा और एक परिजन को नौकरी दी जाए ताकि उसके परिवार का भरण-पोषण हो सके।
इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की कि भविष्य में ऐसे हादसे न हों इसके लिए सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन कराया जाए और मरम्मत व निर्माण कार्यों के दौरान सेफ्टी बेल्ट, हेलमेट और अन्य जरूरी उपकरण अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं।
रानीपुर कोतवाली पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में लापरवाही का मामला सामने आया है। यदि जांच में भेल प्रशासन या संबंधित ठेकेदार की लापरवाही पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अश्वनी कुमार का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
यह हादसा एक बार फिर से कारखानों और निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या भेल प्रबंधन सुरक्षा मानकों को लेकर केवल कागजी खानापूर्ति कर रहा है या फिर वास्तव में जमीनी स्तर पर इनका पालन भी होता है। मजदूरों की जान के साथ खिलवाड़ कब तक जारी रहेगा, यह एक बड़ा सवाल बनकर खड़ा है।