

विकासनगर में गणेश चतुर्थी को लेकर भक्तों में खासा उत्साह है। जगह-जगह से लोग गणपति बप्पा की प्रतिमाएं घर लाकर उन्हें विराजमान कर रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी श्रद्धा और उल्लास से भरे हैं।
गणेश चतुर्थी की धूमधाम से तैयारी
Dehradun: विकासनगर में गणेश चतुर्थी को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा चुकी हैं और भक्तजन भारी उत्साह के साथ भगवान श्री गणेश की प्रतिमाएं अपने-अपने घरों में विराजमान कर रहे हैं। पूरे नगर में एक उत्सव जैसा माहौल बन गया है। गणेश उत्सव को लेकर बच्चों, महिलाओं और युवाओं में जबरदस्त जोश देखने को मिल रहा है।
गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे देशभर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। विकासनगर में भी इसका विशेष महत्व देखने को मिल रहा है। जैसे-जैसे गणेश चतुर्थी का दिन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे बाजारों में रौनक बढ़ गई है। मूर्तिकारों की दुकानों पर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। लोग बड़ी श्रद्धा के साथ गणपति बप्पा की प्रतिमाएं खरीद रहे हैं।
देहरादून में गणेश चतुर्थी की धूम: घरों-पंडालों में विराजे गणराज, भक्तिमय हुआ माहौल
गणेश चतुर्थी की तैयारी में सबसे अधिक उत्साह छोटे-छोटे बच्चों में देखने को मिला। बच्चे अपने माता-पिता के साथ मूर्ति खरीदने पहुंचे और पूरे समय उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। बच्चों के लिए यह सिर्फ धार्मिक पर्व नहीं बल्कि एक विशेष आयोजन है, जिसमें वे पूरे मन से भाग लेते हैं।
Dehradun: गणपति बप्पा के आगमन से विकासनगर में छाई भक्ति की छटा, हर गली-मोहल्ला गूंज उठा "गणपति बप्पा मोरया" के जयघोष से। #GaneshChaturthi2025 #GanpatiBappaMorya pic.twitter.com/1h9GbS4mGP
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) August 27, 2025
स्थानीय महिला श्रद्धालु सविता देवी ने बताया, "मैं पिछले पाँच वर्षों से गणपति बप्पा को अपने घर में विराजमान कर रही हूँ। जब से हमने इस परंपरा को शुरू किया है, तब से घर में सुख-शांति बनी हुई है और हर मनोकामना पूरी हो रही है।"
एक अन्य श्रद्धालु राजीव कुमार ने कहा, "गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनके आगमन से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। हम सभी पूरे परिवार के साथ इस पर्व को मनाते हैं और बप्पा से आशीर्वाद मांगते हैं।"
इस बार विकासनगर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी देखने को मिल रही है। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि उन्होंने मिट्टी से बनी इको-फ्रेंडली मूर्तियां खरीदी हैं। इससे नदियों में प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण संतुलित रहेगा। नगरपालिका ने भी अपील की है कि लोग अधिक से अधिक इको-फ्रेंडली मूर्तियों का प्रयोग करें।