Ganesh Chaturthi 2025: भगवान गणेश की अलग-अलग मुद्राओं का महत्व
By: Sapna Srivastava
Img: Google
26 Aug 2025
गणेश जी की खड़े होने की मुद्रा नए कार्य की शुरुआत और आत्मविश्वास का प्रतीक मानी जाती है।
बैठी हुई मुद्रा शांति, स्थिरता और संतुलन का संकेत देती है।
गणेश जी की लेटे हुए मुद्रा विलास, विश्राम और जीवन की सहजता
का प्रतीक है।
नृत्य करती मुद्रा ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता फैलाने वाली मानी जाती है।
चार हाथों वाली प्रतिमा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का प्रतिनिधित्व करती है।
दाएं हाथ में अभय मुद्रा सुरक्षा और आशीर्वाद का संदेश देती है।
बाएं हाथ में मोदक ज्ञान और प्रसन्नता का प्रतीक है।
हाथ में अंकुश इच्छाओं पर नियंत्रण और जीवन में अनुश
ासन सिखाता है।
हाथ में पाश बुराइयों और नकारात्मकता को दूर करने का संकेत है।
हर मुद्रा भक्तों को जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि की ओर प
्रेरित करती है।
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