

उत्तराखंड में अब जमीन की रजिस्ट्री करने के लिए रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रजिस्ट्री कराने के लिए नहीं काटने पड़ेंगे तहसील के चक्कर
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने आम जनता के लिए एक बड़ी राहत देने वाली व्यवस्था लागू कर दी है। अब प्रदेश में भूमि या भवन की रजिस्ट्री के लिए लोगों को तहसील या पंजीकरण कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा को हरी झंडी दे दी है, जिससे लोग घर बैठे ही संपत्ति की खरीद-फरोख्त की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल ने ‘उत्तराखंड ऑनलाइन दस्तावेज रजिस्ट्रीकरण नियमावली 2025’ को मंजूरी दे दी है। इस नई व्यवस्था के तहत रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी। खरीदार और विक्रेता दोनों ऑनलाइन माध्यम से आमने-सामने होंगे और आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से उनकी पहचान की पुष्टि की जाएगी।
उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में लिया गया अहम फैसला (इमेज सोर्स- इंटरनेट)
जानकारी के अनुसार वीडियो केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डिजिटल दस्तावेज तैयार कर उसे दोनों पक्षों को ई-मेल के जरिये भेजा जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह डिजिटल प्रक्रिया न केवल दस्तावेजों को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि पूरे रजिस्ट्री सिस्टम में पारदर्शिता भी लाएगी। इसके साथ ही लोगों का समय बचेगा और रजिस्ट्री कार्य में लगने वाला अतिरिक्त खर्च भी कम होगा।
इस नियमावली में पारंपरिक रूप से इस क्षेत्र में काम करने वाले अधिवक्ताओं, स्टांप विक्रेताओं, डीड राइटरों और पिटीशन राइटरों के हितों का भी ध्यान रखा गया है। वित्त एवं स्टांप विभाग के अनुसार, उत्तराखंड बार काउंसिल से पंजीकृत अधिवक्ताओं को अलग से रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। अन्य सभी सेवा प्रदाताओं को विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।
सरकार का मानना है कि यह तकनीकी पहल जहां एक ओर जनता को घर बैठे सुविधा देगी, वहीं दूसरी ओर लंबे समय से इस प्रक्रिया में शामिल पारंपरिक कार्यकर्ताओं को भी आर्थिक नुकसान से बचाएगी। इससे उत्तराखंड डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ा रहा है।
वित्त एवं स्टांप विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड बार काउंसिल से जुड़े अधिवक्ता को रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होगी। जबकि डीड राइटर, स्टांप विक्रेता, पिटीशन राइटर का विभागीय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। खरीद-बिक्री की प्रक्रिया में इनकी भूमिका पूर्ववत रहेगी। इससे उन्हें भी किसी भी प्रकार का आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से ना सिर्फ पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर लगाम भी लगेगी।