

उत्तराखंड कैडर के चार आईपीएस अधिकारी आईजी रैंक में केंद्र सरकार द्वारा सूचीबद्ध किए गए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
4 आईपीएस केंद में आईजी रैंक पर सूचीबद्ध
देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के लिए यह सप्ताह विशेष उपलब्धि लेकर आया है। प्रदेश कैडर के चार आईपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार में आईजी (इंस्पेक्टर जनरल) रैंक के लिए इंपैनल किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस सूची में पूरे देश से कुल 65 आईपीएस अफसरों के नाम शामिल हैं, जिनका चयन 2003 से 2007 बैच के बीच हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस उपलब्धि से उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली और क्षमता को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आईपीएस कृष्ण कुमार वीके, सदानंद दाते, सुनील मीणा और सेंथिल अबुदई के नाम पर मोहर लगाई है।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड से इंपैनल हुए अधिकारियों में 2005 बैच के आईपीएस कृष्ण कुमार वीके और 2007 बैच के सदानंद दाते, सुनील मीणा तथा सेंथिल अबुदई शामिल हैं। ये चारों अधिकारी अब केंद्र सरकार के अधीन आईजी स्तर के पदों की जिम्मेदारी संभालने के लिए अधिकृत हो गए हैं। इस इंपैनलमेंट के बाद ये अधिकारी देश की सुरक्षा व्यवस्था में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगे।
इस सूची को गृह मंत्रालय में अवर सचिव संजीव कुमार द्वारा जारी किया गया है। इस सूची में शामिल होना अधिकारियों की दक्षता, अनुभव और सेवाकाल में किए गए कार्यों की पुष्टि करता है।
उल्लेखनीय है कि आईपीएस सदानंद दाते और सेंथिल अबुदई पहले से ही केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। इंपैनलमेंट के बाद इनके कंधों पर और भी बड़ी जिम्मेदारियां आ सकती हैं। जहां सदानंद दाते एनआईए और मुंबई एटीएस जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में सेवाएं दे चुके हैं, वहीं सेंथिल अबुदई की गिनती भी बेहद कुशल और रणनीतिक अफसरों में होती है।
उत्तराखंड पुलिस के अधिकारियों की इस सफलता से प्रदेश की छवि न सिर्फ मजबूत हुई है, बल्कि यह युवाओं को सिविल सेवा में आने के लिए भी प्रेरित करेगी। यह इंपैनलमेंट दर्शाता है कि राज्य के अफसर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मेहनत और नेतृत्व क्षमता से विशिष्ट स्थान बना रहे हैं।
इस उपलब्धि से पुलिस महकमे में उत्साह का माहौल है।
बता दें कि उत्तराखंड के 2005 और 2006 के बैच के अधिकारियों को अभी जगह अभी नहीं मिल पायी है। इन बचे सभी अधिकारियों को द्वितीय रिव्यूह सूची का इंतजार करना होगा।