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हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से लोनी में यमुना नदी का जलस्तर करीब 210.55 मीटर पर पहुंच गया। खेत जलमग्न होने से फसल नष्ट होने की आशंका है, प्रशासन ने लोगों को सतर्क किया है और राहत के इंतजाम कर रहा है।
लोनी में पानी का स्तर बढ़ा (Img- Internet)
Ghaziabad: लोनी में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हथिनी कुंड बैराज से शुक्रवार शाम को छोड़ा गया 82 हजार क्यूसेक पानी शनिवार सुबह लोनी पहुंचा और यमुना का जलस्तर करीब 210.55 मीटर तक पहुंच गया है। यह जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर है, जिससे इलाके में चिंता की स्थिति पैदा हो गई है।
स्थानीय किसानों ने बताया कि जलस्तर अधिक बढ़ने से खेतों में पानी भरने से उनकी फसल को नुकसान होने का खतरा है। पिछले दस दिनों में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर से आसपास के गांवों के खेतों में पानी भरने से फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है।
सिंचाई विभाग के अवर अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण हरमपुर और इलायचीपुर गांव के खेत जलमग्न हो चुके हैं। उन्होंने लोगों से नदी से दूर रहने की अपील की है और कहा कि प्रशासन जलस्तर की सतत निगरानी कर रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल जल स्तर बढ़ने से बाढ़ की कोई आशंका नहीं है और स्थिति नियंत्रित है।
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तहसीलदार जयप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रशासन प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों के लिए पूरी तरह तैयार है। जरूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
जलस्तर बढ़ने से खेतों में पानी भरने से खड़ी फसल जलमग्न हो रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, फसल नष्ट होने के कारण पशुओं के लिए चारा भी कम पड़ रहा है। इससे पशुपालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान और ग्रामीण इलाके में इस स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द स्थायी समाधान निकालने की मांग की है ताकि उनके जीवन और आजीविका पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके।
यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर बना खतरा, नोएडा-ग्रेटर नोएडा के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात
प्रशासन ने इलाके में सतर्कता बढ़ा दी है और यमुना नदी के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की जानकारी भी समय-समय पर दी जाती रहेगी ताकि लोग तैयार रह सकें। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं। प्राथमिकता के आधार पर संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।