

औरैया से खबर सामने आई है। यहां यमुना नदी में करीब 20 दिन पहले आई बाढ़ से किनारे बसे लोगों के मुसीबतें पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाईं थीं। इधर यमुना नदी दोबारा उफनाने से लोगों की चिंताएं बढीं हैं। पढ़ें पूरी खबर
औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया से खबर सामने आई है। यहां यमुना नदी में करीब 20 दिन पहले आई बाढ़ से किनारे बसे लोगों के मुसीबतें पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाईं थीं। इधर यमुना नदी दोबारा उफनाने से लोगों की चिंताएं बढीं हैं। सोमवार दोपहर को नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई। इससे नौरी व मई गांव का संपर्क कट गया है। वहीं बीहड़ पट्टी के अन्य 10 गांवों पर भी बाढ़ का खतरा मडरा रहा है।
क्या है पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक, यमुना नदी में आई बाढ़ ने अयाना क्षेत्र के 12 गांवों में जनजीवन प्रभावित कर दिया था। बाढ़ जाने के बाद लोगों का जीवन पटरी पर लौटना शुरू हो पाया था तभी नदी ने दोबारा उफनाना शुरू कर दिया है। कोटा बैराज से चंबल में छोड़े गए पानी से यमुना नदी उफान पर है। सोमवार दोपहर को नदी का जलस्तर खतरे के निशान 113 मीटर से 0.70 मीटर ऊपर पहुंच गया। खतरे के निशान के ऊपर बह रही नदी का पानी जुहीखा, गूंज, असेवा, असेवटा, रमपुरा, फरिहा, बीझलपुर, मिश्रपुर,सिखरना आदि गांवों के किनारे पहुंच गया है। वहीं मई व नौरी के संपर्क मार्ग पर पानी भर जाने से दोनों गांवों का संपर्क कट गया है।
लगातार बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा...
जानकारी के मुताबिक, लोग बढ़ते जलस्तर को देखने के लिए लगातार नदी के जलस्तर पर टकटकी लगाए हैं। लोगों का कहना है कि यदि नदी का जलस्तर इसी तरह बढ़ा तो सुबह तक पानी गांवों में पहुंच जाएगा। उन्हें दोबारा अपने घरों को छोड़ना पड़ जाएगा। पानी खेतों में भरने से उनकी फसलें भी चौपट हो गईं हैं। वहीं प्रशासन की ओर से नदी के जलस्तर की निगरानी व ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए दोबारा से बाढ़ राहत चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। थानाध्यक्ष अजय कुमार भी लगातार बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर रहे हैं।
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