

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रिहंद बांध इस साल पांचवीं बार ओवरफ्लो हो गया है। जलस्तर 870.4 फीट पार होने पर सिंचाई विभाग ने एक फाटक खोल दिया। टरबाइनों और फाटक से मिलाकर कुल 27,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
रिहंद बांध पांचवीं बार हुआ ओवरफ्लो
Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े रिहंद बांध का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर गया है। गुरुवार सुबह जलस्तर 870.4 फीट तक पहुंचने के बाद सिंचाई विभाग ने एहतियातन एक फाटक खोलकर पानी का डिस्चार्ज शुरू कर दिया। यह इस वर्ष पांचवीं बार है जब बांध के फाटक खोलने की नौबत आई है। इससे पहले भी लगातार बारिश के चलते चार बार जलस्तर अधिक हो चुका है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा ने जानकारी दी कि इस साल कैचमेंट एरिया में औसत से कहीं अधिक वर्षा हुई है। 24 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पहली बार 27 जुलाई को बांध का फाटक खोला गया था। इसके बाद अगस्त और सितंबर महीने में भारी वर्षा के चलते चार बार और पानी छोड़ना पड़ा। इस बार भी बुधवार की दोपहर से जलभराव की स्थिति बनी, जिससे गुरुवार सुबह जलस्तर 870.4 फीट तक पहुंच गया।
जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता शशिकांत राय ने बताया कि रिहंद बांध पर लगी सभी छह टरबाइनें पूरी क्षमता से कार्यरत हैं और करीब 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि टरबाइनों से लगातार पानी डिस्चार्ज होता है, जिससे जलस्तर को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 18, 2025
इस समय बांध के एक फाटक को 15 फीट तक खोला गया है, जिससे लगभग 10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं, टरबाइनों से लगभग 17,000 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। यानी कुल मिलाकर 27,000 क्यूसेक पानी रिहंद बांध से बाहर छोड़ा जा रहा है। यह डिस्चार्ज न सिर्फ बिजली उत्पादन में मदद करता है, बल्कि बांध के जलस्तर को नियंत्रित करने का एक अहम तरीका भी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि लगातार फाटक खोले जाने और भारी वर्षा के कारण सोनभद्र और आस-पास के इलाकों में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे निचले क्षेत्रों में पानी भरने की आशंका बनी हुई है। हालांकि अभी तक कोई बड़ी आपदा की सूचना नहीं है, लेकिन प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
प्रशासन द्वारा लोगों को नदियों के पास न जाने की सलाह दी गई है और संभावित बाढ़ क्षेत्रों में निगरानी रखी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि वे मौसम विभाग और प्रशासन की चेतावनियों पर ध्यान दें।
रिहंद बांध का यह बार-बार ओवरफ्लो होना, जहां एक ओर जल संरक्षण और बिजली उत्पादन के लिए अच्छा संकेत है, वहीं दूसरी ओर निचले इलाकों के लोगों के लिए यह चिंता का कारण भी बना हुआ है। आगामी दिनों में यदि वर्षा इसी तरह जारी रही, तो और फाटक खोले जा सकते हैं।