

यमुना नदी के उफान से कानपुर देहात के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, हालात बेहद चिंताजनक हैं। प्रशासनिक अमला मौके पर मौजूद है, राहत-बचाव कार्य चल रहा है, डीएम ने सख्त निर्देश दिए हैं। सपा नेताओं ने बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर राहत सामग्री बांटी।
हालात का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी कपिल सिंह
Kanpur Dehat: उत्तर प्रदेश में यमुना नदी के उफान ने एक बार फिर तबाही का मंजर सामने ला दिया है। कानपुर देहात के मूसानगर क्षेत्र में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ने से आसपास के गांव चपरघटा, आढ़न और पथार पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। घरों में पानी घुस चुका है, लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। नाव ही अब एकमात्र आवागमन का साधन बचा है।
रविवार को हालात का जायजा लेने नवागत जिलाधिकारी कपिल सिंह स्वयं बाढ़ ग्रसित इलाकों में पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों संग प्रभावित गांवों का दौरा कर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और लोगों से संवाद कर उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। डीएम ने सख्त लहजे में अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को समय पर राहत मिले, किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सपा नेताओं ने की बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात
बाढ़ पीड़ितों के लिए प्रशासन ने इमरजेंसी नंबर जारी किए हैं और बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। स्वास्थ्य विभाग से लेकर बिजली और आपूर्ति विभाग तक को अलर्ट पर रखा गया है, ताकि कोई अनहोनी न हो।
इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी मानवीय पहल करते हुए बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। पूर्व जिलाध्यक्ष काशिफ खान के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता रविवार को आढ़न, पथार और चपरघटा गांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ सपा नेता शारिक खान के निर्देश पर यह दौरा किया गया। टीम ने गांव-गांव जाकर बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित की और उन्हें आश्वासन दिया कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को इस संकट की विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
काशिफ खान ने कहा कि सरकार को तत्काल मुआवजे की व्यवस्था करनी चाहिए और जिन लोगों का आवास या फसल पूरी तरह नष्ट हो गया है, उन्हें पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जाए। स्थानीय निवासियों ने भी प्रशासन और राजनीतिक दलों से मदद की गुहार लगाई है।
ग्रामीणों की पीड़ा बेहद मार्मिक है। खेत डूब गए हैं, मवेशियों को ले जाना मुश्किल हो गया है, बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने में कठिनाई हो रही है। कई परिवारों के पास भोजन और दवा की भी कमी है।
प्रशासन की ओर से राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन लगातार बढ़ते पानी के स्तर ने चिंता बढ़ा दी है। मूसानगर से लेकर आसपास के गांवों तक नावों की मदद से राहत टीम काम में लगी है।
यह बाढ़ ना सिर्फ जनजीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। आने वाले दिनों में यदि पानी का स्तर और बढ़ता है, तो हालात और गंभीर हो सकते हैं।