Raebareli News: एनटीपीसी में मजदूर हुए लामबंद, विभिन्न मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

एनटीपीसी में एक बार फिर संविदा पर लगे मजदूरों ने आज धरना प्रदर्शन किया देखिए डायनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि एनटीपीसी ऊंचाहार में थर्मल पावर संविदा श्रमिक संघ ने सोमवार को तहसील मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस के अध्यक्ष विजय विद्रोही ने की।

कंपनियां मजदूरों से जबरन करा रही है काम
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार श्रमिक संघ का आरोप है कि एनटीपीसी ऊंचाहार में कार्यरत कंपनियां और ठेकेदार मजदूरों से आधी मजदूरी जबरन वसूल रहे हैं। यह वार्षिक वसूली लगभग 22.5 करोड़ रुपये है। संघ ने एनटीपीसी प्रबंधन और प्रशासन से इस अवैध वसूली को रोकने की मांग की है।

श्रमिक संघ की बड़ी मांग
श्रमिक संघ की प्रमुख मांगों में मजदूरों से जबरन वसूली करने वाले ठेकेदार की गिरफ्तारी शामिल है। संघ के कोषाध्यक्ष पवन मिश्रा को धमकी देने के मामले में दर्ज मुकदमे में भी ठेकेदार की गिरफ्तारी की मांग की गई है।

एनटीपीसी से की ये मांग
अन्य मांगों में अवैध वसूली के लिए एनटीपीसी प्रबंधन को जवाबदेह बनाना और दोषी कंपनियों को काली सूची में डालना शामिल है। साथ ही सभी ठेकेदारों की पृष्ठभूमि की जांच और राज्य कर्मचारी बीमा निगम की उप-इकाई की स्थापना की मांग भी की गई है।

पहले भी हो चुका है धरना प्रदर्शन
पिछले माह भी श्रमिक संघ ने एक शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया था। श्रमिकों का कहना है कि यह अवैध वसूली वर्षों से एक रिवाज की तरह चल रही है, जिसे रोका जाना जरूरी है।
श्रमिकों ने तहसीलदार आकांक्षा दीक्षित को ज्ञापन सौंपा है।

एनटीपीसी की अन्य घटना
फरवरी माह में जनपद रायबरेली में ऊंचाहार एनटीपीसी परियोजना में बिजली उत्पादन को लेक समस्या सामने आई थी, जिसमें यूनिट नंबर 2 में तकनीकी खराबी के कारण बिजली उत्पादन पूरी तरह से रुक गया था। बता दें कि इस परियोजना में केवल छह यूनिट थे और तकनीकी खराबी यूनिट नंबर दो पर आई थी।

210 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रही यूनिट में आई थी खराबी
इस बीच देर रात को कुछ ऐसा हुआ जो आपको अंदर तक हैरान कर देगा। 210 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रही यूनिट नंबर 2 भी तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गई। दोनों यूनिटों के बंद होने से परियोजना प्रबंधन में हड़कंप मच गया।

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