समाधान दिवस पर डीआईओएस का दिखा ऐसा रूप, हर तरफ हो रही किरकिरी

जिले में इस समय एक वीड़ियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लापरवाही का नजारा साफ दिख रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 21 June 2025, 5:57 PM IST
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कानपुर देहात: जिले में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान एक अजीब और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जिसमें वह समाधान दिवस के दौरान मोबाइल पर गेम खेलते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो ने जिले के अफसरशाही की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

डीआईओएस खेल रहे थे कैंडी क्रश

यह वीडियो सिकंदरा तहसील में आयोजित समाधान दिवस के दौरान का है। जब जिले के डीएम और एसपी जन समस्याएं सुनने में व्यस्त थे, उसी दौरान बगल में बैठे डीआईओएस मोबाइल में कैंडी क्रश गेम खेलने में मग्न दिखे। इस दौरान समाधान दिवस में आम जनता अपनी शिकायतें लेकर आई थी, लेकिन जिम्मेदार अफसरों का यह व्यवहार जनता के साथ मजाक जैसा लगा।

पूरा जिला प्रशासन मौजूद, लेकिन लापरवाही का नजारा साफ

इस कार्यक्रम में डीएम, एसपी और अन्य जिले स्तर के अधिकारी भी मौजूद थे। जनता उम्मीद लेकर समाधान दिवस में पहुंचती है कि उसकी समस्याओं को सुना जाएगा और समाधान होगा। लेकिन जब जनता ने देखा कि अधिकारी शिकायतों पर ध्यान देने की बजाय मोबाइल गेम खेल रहे हैं, तो नाराज़गी स्वाभाविक थी।

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप

डीआईओएस का मोबाइल पर गेम खेलने वाला यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ यूज़र्स ने लिखा समाधान दिवस नहीं, मनोरंजन दिवस है तो किसी ने कहा जब अफसरों की प्राथमिकता गेम हो, तो जनता की समस्याओं का समाधान कैसे होगा?

प्रशासन की छवि पर गहरा सवाल

इस घटना ने न सिर्फ डीआईओएस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि पूरे जिला प्रशासन की छवि पर भी सवालिया निशान लगा दिए हैं। आम जनता का भरोसा तब टूटता है, जब अधिकारी उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते।

अब तक नहीं आई कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया

इस वायरल वीडियो के बाद भी अभी तक न तो डीआईओएस की तरफ से कोई सफाई आई है और न ही जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान। सवाल यह भी है कि क्या इस तरह की लापरवाहियों पर कोई कार्रवाई होगी या मामला यूं ही दबा दिया जाएगा?

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