

देवदह में बाउंड्रीवाल निर्माण के दौरान मजदूरों को कुषाणकालीन सिक्कों से भरा एक टूटा हुआ घड़ा मिला। विभागीय अधिकारी ने बताया कि सिक्कों पर जंग जैसी परत जम गई है, जिससे उनका असली वजन जांच के बाद ही पता चलेगा।
Maharajganj: महराजगंज के देवदह में 5 अक्टूबर को बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए किए जा रहे खुदाई कार्य के दौरान एक ऐतिहासिक खोज सामने आई। मजदूरों ने खुदाई के दौरान एक टूटे घड़े में कई तांबे के सिक्के पाए। यह सिक्के कुषाणकालीन समय के माने जा रहे हैं। देवदह, जो महात्मा बुद्ध का ननिहाल भी कहलाता है, पुरातत्व दृष्टि से एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहां पहले भी कई प्राचीन वस्तुएं मिल चुकी हैं।
सूत्रों के अनुसार, जब मजदूर कुदाल से खुदाई कर रहे थे, तब उन्हें किसी वस्तु से टकराने का एहसास हुआ। जब उन्होंने उसे बाहर निकाला, तो देखा कि एक टूटा हुआ घड़ा सिक्कों से भरा था। तुरंत ही जिम्मेदार अधिकारियों को सूचना दी गई और पुरातत्व विभाग ने सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए लखनऊ भेज दिया। पुरातत्व विभाग के अधिकारी कृष्णमोहन दुबे ने बताया कि सिक्कों पर जंग जैसी परत दिखाई दे रही है, जिससे उनका असली वजन और सामग्री जांच के बाद ही तय हो पाएगा। इस खोज से क्षेत्र में ऐतिहासिक महत्व की चर्चा भी तेज हो गई है।