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उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने डेढ़ वर्ष बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी होने वाली है। आयोग का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए रखना अहम माना गया है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग
Prayagraj: उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने डेढ़ वर्ष बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी होने वाली है। आयोग द्वारा टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचार्य के लगभग 35,000 रिक्त पदों पर भर्ती को लेकर अधियाचन का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे मंजूरी के लिए शासन को भेजने वाला है।
पारदर्शी और त्वरित भर्ती: आयोग का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए रखना अहम माना गया है।
एकल परीक्षा प्रणाली: अलग-अलग संस्थाओं की बजाय एक ही आयोग सभी शिक्षकों की भर्ती करने वाला है, जिससे उम्मीदवारों को राहत मिल सकती है।
डिजिटलाइजेशन: ऑनलाइन आवेदन, परीक्षा और परिणाम प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने में सहायता मिलने वाली है।
आयोग की संरचना और कार्य प्रणाली
आयोग में एक अध्यक्ष और 12 सदस्य रहने की पूरी उम्मीद है।
अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक रहने का अनुमान है।
आयोग का मुख्य उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और निष्पक्ष बनाने का रखा गया है।
भर्ती प्रक्रिया को लेकर बढ़ा विवाद: असिस्टेंट प्रोफेसर के पूर्व में लिए गए आवेदन पर परीक्षा पूरी तरह से समाप्त हो गई है, जिसमें एक की स्थिति आना शुरू हो गई है। लोगों ने आरोप लगा दिया है कि परीक्षा से पहले पदों को बेच लिया जा चुका है। एटीएस इस मामले की जांच करने में लगा हुआ है।