

उत्तर प्रदेश में एक बार फिर मौसम ने करवट ले ली है। 1 से 5 अक्टूबर के बीच प्रदेश के कई जिलों में तेज बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
मौसम अपडेट (Img: Google)
Lucknow: उत्तर प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर से करवट ले ली है। अक्टूबर के पहले ही दिन से प्रदेश में कई जगहों पर झमाझम बारिश दर्ज की गई है और आने वाले दिनों में भी इसका सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में तेज बारिश, गरज-चमक और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की चेतावनी दी है।
मौसम विभाग के अनुसार, 1 से 5 अक्टूबर तक प्रदेश में बारिश का दौर बना रहेगा। लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, सोनभद्र, बहराइच, चित्रकूट, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर और श्रावस्ती जैसे जिलों में बारिश के साथ बिजली चमकने और गरजने की भी चेतावनी दी गई है।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तेज रफ्तार हवाएं चलने की संभावना जताई गई है। खासकर बहराइच, लखीमपुर खीरी, कानपुर, उन्नाव, अयोध्या, आगरा, इटावा, औरैया, सीतापुर, हरदोई जैसे जिलों में 30 से 40 किमी प्रति घंटा की गति से हवाएं चल सकती हैं। इन तेज हवाओं के कारण पेड़ गिरने या बिजली के खंभों के प्रभावित होने की आशंका भी जताई जा रही है।
मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, मानसून 2025 के दौरान प्रदेश में औसत से सामान्य बारिश हुई है। पश्चिमी यूपी में 752.5 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से 12% अधिक है। वहीं पूर्वी यूपी में 666 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 17% कम रही। इस समय पूरे प्रदेश में औसतन 701.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य के दायरे में है।
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हालांकि, बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के क्षेत्र और अक्टूबर की शुरुआत में अन्य संभावित सिस्टम्स के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी और बारिश हो सकती है। इस वजह से मानसून की वापसी में देरी हो सकती है और मौसम अस्थिर बना रह सकता है।
मौसम विभाग ने यह भी बताया कि वर्तमान में प्रशांत महासागर में 'तटस्थ अल-निनो' स्थिति बनी हुई है, जो आने वाले समय में 'ला-नीना' में बदल सकती है। इसके अलावा हिंद महासागर की नकारात्मक स्थिति भी बारिश में मामूली वृद्धि का संकेत दे रही है।
मौसम विभाग ने जनता को सलाह दी है कि वे अनावश्यक रूप से खुले में न निकलें, खासकर आंधी-तूफान के समय। बिजली गिरने की आशंका वाले समय पर पेड़ों के नीचे या खुले स्थानों पर खड़ा न रहें। अक्टूबर की शुरुआत में ही उत्तर प्रदेश में मौसम का मिज़ाज पूरी तरह से बदल गया है। लगातार बारिश, तेज हवाओं और बिजली की चमक से प्रदेश के कई जिलों में जनजीवन प्रभावित हो सकता है।