यूपी STF की नोएडा में बड़ी कामयाबी: 14 मुन्ना भाई दबोचे, SSC एग्जाम में कर रहे थे काला धंधा

लखनऊ STF ने नोएडा से SSC परीक्षा में सेंध लगाने वाले 11 ‘मुन्ना भाइयों’ को गिरफ्तार किया है, जो विकलांग अभ्यर्थियों की जगह मोटी रकम लेकर परीक्षा दे रहे थे। मामले में परीक्षा संचालन कंपनी के कर्मचारियों की भी मिलीभगत सामने आई है। आरोपियों से नकद 14 लाख रुपये, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट और अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 20 September 2025, 3:22 PM IST
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Noida: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की परीक्षाओं में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश की लखनऊ STF ने नोएडा के फेज-2 क्षेत्र से 11 ऐसे फर्जी परीक्षार्थियों (मुन्ना भाई) को गिरफ्तार किया है, जो विकलांग अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दे रहे थे। इस मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि यह पूरा रैकेट टेक्निकल और पढ़े-लिखे युवाओं द्वारा चलाया जा रहा था, जिनमें से अधिकतर B.Tech डिग्रीधारी हैं।

कैसे पकड़े गए मुन्ना भाई?

STF को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि SSC की परीक्षाओं में साल्वर गैंग सक्रिय है। जांच में पता चला कि विकलांग अभ्यर्थियों के नाम पर राइटर बनकर कुछ लोग परीक्षा दे रहे हैं, जबकि नियमों के मुताबिक राइटर सिर्फ इंटर पास हो सकता है। जबकि यहां बीटेक पास लोग बैठाए जा रहे थे। CO प्रमेश कुमार की अगुवाई में STF टीम ने जाल बिछाकर इन 11 साल्वरों को रंगे हाथ पकड़ा। इनके पास से 14 लाख रुपये कैश, फर्जी CMO के प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, परीक्षा सामग्री और मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।

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क्या है नियम और कैसे हुआ उल्लंघन?

SSC नियमों के तहत विकलांग अभ्यर्थी परीक्षा में सहायता के लिए किसी इंटरमीडिएट पास राइटर की मदद ले सकते हैं। इसके लिए CMO से प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होता है। लेकिन इस गिरोह ने सिस्टम को चकमा देने के लिए फर्जी CMO सर्टिफिकेट बनवाए और बीटेक डिग्रीधारी साल्वर को राइटर बना दिया।

कैसे काम करता था गिरोह?

विकलांग अभ्यर्थियों से 1 से डेढ़ लाख लाख लिए जाते थे। बदले में B.Tech पास साल्वर को परीक्षा में बैठाया जाता था। फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट CMO के नाम पर तैयार किए जाते थे। परीक्षा केंद्र में एंट्री दिलाने के लिए परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी के कर्मचारी भी शामिल थे। ये कर्मचारी एंट्री पास और बायोमेट्रिक से छेड़छाड़ करके साल्वर को अंदर पहुंचाते थे। एसटीएफ ने बताया कि बिना अंदरूनी कर्मचारियों की मदद के साल्वर की एंट्री संभव नहीं थी। इन कर्मचारियों की पहचान कर ली गई है और पूछताछ के बाद उन्हें भी गिरफ्तार किया गया।

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साल्वर गैंग में कौन-कौन?

गिरफ्तार लोगों में अधिकतर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं। ये सभी पिछले कुछ वर्षों से इसी धंधे में शामिल थे। इनमें से कई ने पहले भी रेलवे, बैंकिंग और SSC की परीक्षाओं में साल्वर के रूप में भाग लिया है।

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