

सोनभद्र के नई गांव के ग्रामीणों ने दशरथ मांझी से प्रेरणा लेकर खुद कच्ची सड़क का निर्माण किया। सरकारी उदासीनता से तंग आकर गांववालों ने चंदा और श्रमदान से लिया निर्माण का जिम्मा। यह कदम जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की निष्क्रियता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
Sonbhadra: सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज विकास खंड के नई गांव में, ग्रामीणों ने सरकार के प्रति अपने गुस्से और असंतोष को व्यक्त करते हुए 150 मीटर की कच्ची सड़क का निर्माण किया। यह पहल एक प्रकार से स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए वादों को चुनौती देने वाली रही। पिछले 78 वर्षों से बुनियादी सुविधाओं से वंचित इस गांव के निवासियों ने अपनी मेहनत, चंदा और श्रमदान के जरिए इस सड़क को बनाने का कार्य शुरू किया।
गांव के युवा, जिन्होंने दशरथ मांझी से प्रेरणा ली, ने यह साबित कर दिया कि यदि व्यवस्था हाथ पर हाथ धरकर बैठी रहे तो लोग अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं भी कर सकते हैं। इस कदम से यह साफ हो गया कि अगर जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती, तो गांववाले अपनी स्थिति बदलने के लिए खुद रास्ता खोज सकते हैं।