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बिहार में हिजाब से जुड़ी घटना पर यूपी मंत्री संजय निषाद के बयान से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस और सपा ने इसे महिला विरोधी बताते हुए माफी और कार्रवाई की मांग की है, जबकि मंत्री ने बयान को गलत ढंग से पेश किए जाने की बात कही है।
यूपी मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद के एक बयान को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान एक महिला का हिजाब हटाने की घटना पर की गई टिप्पणी को लेकर संजय निषाद विवादों में घिर गए हैं। उनके बयान को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने महिला विरोधी और अभद्र बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है तथा बिना शर्त माफी की मांग की है।
दरअसल, पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला का हिजाब हटाने का वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद शुरू हुआ। इस घटना का बचाव करते हुए यूपी के मंत्री संजय निषाद ने एक बयान दिया, जिसे विपक्ष ने आपत्तिजनक करार दिया। मंत्री के कथित बयान “अगर कहीं और छू देते तो क्या हो जाता” को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ बताया।
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विवाद बढ़ने के बाद संजय निषाद ने अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और उसका गलत अर्थ निकाला गया। मंत्री ने कहा कि वे गोरखपुर और भोजपुरी भाषी क्षेत्र से आते हैं, जहां बोलने का अंदाज और भाषा अलग होती है। उन्होंने दावा किया कि उनकी बात का कोई अपमानजनक या महिला विरोधी आशय नहीं था और बयान हल्के-फुल्के अंदाज में, स्थानीय बोली में दिया गया था।
संजय निषाद ने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने महिला का हिजाब हटाया नहीं था, बल्कि यह जांचने के लिए ऐसा किया गया कि सरकारी योजना का वास्तविक लाभार्थी वही महिला है या नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति न बने, यह सुनिश्चित करना कार्यक्रम से पहले अधिकारियों की जिम्मेदारी थी। मंत्री ने यह भी जोड़ा कि अगर किसी को उनके बयान से ठेस पहुंची है तो वे उसे वापस लेने को तैयार हैं।
इस पूरे मामले को लेकर समाजवादी पार्टी ने आक्रामक रुख अपनाया है। सपा की प्रवक्ता सुमैया राणा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री संजय निषाद के खिलाफ लखनऊ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। सुमैया राणा ने कहा कि हिजाब पहनने वाली महिलाओं में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कैसरबाग थाने में लिखित शिकायत देकर दोनों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
सुमैया राणा ने पुलिस पर टालमटोल का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले उन्हें एक थाने से दूसरे थाने भेजा गया, हालांकि बाद में उनकी शिकायत स्वीकार कर ली गई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की तो समाजवादी पार्टी आंदोलन को और तेज करेगी।
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वहीं, कांग्रेस ने भी मंत्री संजय निषाद पर तीखा हमला बोला है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां भाजपा और उसके सहयोगियों की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाती हैं। उन्होंने मांग की कि संजय निषाद बिना शर्त माफी मांगें, अन्यथा कांग्रेस उनकी बर्खास्तगी की मांग करेगी।
कुल मिलाकर, हिजाब विवाद ने एक बार फिर राजनीति को गरमा दिया है। जहां एक ओर मंत्री संजय निषाद अपने बयान को गलत तरीके से पेश किए जाने की बात कह रहे हैं, वहीं विपक्ष इसे महिलाओं के सम्मान से जोड़कर बड़े मुद्दे के रूप में उठा रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि इस मामले में प्रशासन और सरकार क्या रुख अपनाती है।