

साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता के बीच गोरखपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस अधीक्षक अपराध के नेतृत्व में साइबर क्राइम सेल अपराध शाखा की टीम ने वर्ष 2025 में अब तक अभूतपूर्व कार्रवाई करते हुए कुल 3.65 करोड़ रुपये की धनराशि को होल्ड कराया है। पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता के बीच गोरखपुर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नैय्यर के निर्देशन व पुलिस अधीक्षक अपराध के नेतृत्व में साइबर क्राइम सेल अपराध शाखा की टीम ने वर्ष 2025 में अब तक अभूतपूर्व कार्रवाई करते हुए कुल 3.65 करोड़ रुपये की धनराशि को होल्ड कराया है। वहीं ठगी के शिकार पीड़ितों के खातों में 93 लाख रुपये वापस भी कराए गए हैं। यह उपलब्धि न केवल पुलिस की तत्परता को दर्शाती है बल्कि आमजन के विश्वास को भी मजबूत करती है।
साइबर क्राइम सेल की त्वरित कार्रवाई
साइबर अपराधियों द्वारा लगातार बदलते तौर-तरीकों से आम जनता को ठगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। कभी क्यूआर कोड, कभी फर्जी कॉल तो कभी लिंक भेजकर लोगों के खातों से पैसे उड़ाए जा रहे हैं। ऐसे हालात में गोरखपुर साइबर क्राइम सेल की त्वरित कार्रवाई आमजन के लिए बड़ी राहत की खबर है। टीम ने अब तक 4,889 संदिग्ध मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कराया है, जिनका प्रयोग साइबर अपराध में किया जा रहा था। इससे कई नई वारदातों को होने से पहले ही रोका जा सका है।
साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक
पुलिस विभाग ने साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए जनपद के प्रत्येक थाने में साइबर सेल टीम गठित की है। 156 पुलिस अधिकारी प्रथम रिस्पॉन्डर के रूप में कार्यरत हैं, जो न केवल मामलों की तफ्तीश कर रहे हैं बल्कि आम जनता को भी लगातार साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं। बैंकिंग धोखाधड़ी से लेकर ऑनलाइन ठगी और फर्जी कॉल सेंटरों तक पर इनकी सतर्क निगाह है।
साइबर अपराध पर सबसे बड़ा हथियार
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जागरूकता ही साइबर अपराध पर सबसे बड़ा हथियार है। ठगी का शिकार हुए लोग यदि समय से शिकायत दर्ज कराते हैं तो धनराशि की रिकवरी की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसी के तहत पुलिस निरंतर जागरूकता अभियान भी चला रही है, ताकि लोग किसी भी तरह की संदिग्ध कॉल, लिंक या लेन-देन से सावधान रहें।
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गोरखपुर साइबर क्राइम सेल की इस बड़ी उपलब्धि ने अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए हैं। लगातार हो रही कार्यवाही से साफ है कि पुलिस अब साइबर अपराधियों को खुली छूट देने के मूड में नहीं है। करोड़ों रुपये बचाने और लाखों की धनराशि लौटाने का यह आंकड़ा गोरखपुर पुलिस की सजगता और जनता के प्रति समर्पण का स्पष्ट प्रमाण है।