सिसवा महोत्सव में तिरुपति बालाजी के दर्शन: श्रीरामजानकी मंदिर समिति रचेगी भक्ति और भव्यता का संगम

पूर्वांचल के प्रसिद्ध सिसवा दुर्गा पूजा महोत्सव में इस वर्ष श्रद्धालुओं को तिरुपति बालाजी के दर्शन का दुर्लभ अनुभव मिलेगा। श्रीरामजानकी मंदिर समिति अपने पंडाल में आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर की झलक पेश करेगी।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 25 September 2025, 5:23 PM IST
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Maharajganj: पूर्वांचल की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का केंद्र बन चुका सिसवा दुर्गा पूजा महोत्सव इस वर्ष और भी खास होने जा रहा है। महोत्सव के अंतर्गत श्रीरामजानकी मंदिर समिति श्रद्धालुओं को इस बार एक अनोखा अनुभव देने जा रही है। समिति ने इस बार अपने पंडाल में तिरुपति बालाजी मंदिर का स्वरूप तैयार किया है, जिससे श्रद्धालु आंध्र प्रदेश स्थित प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर जैसा अनुभव ले सकेंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, समिति के अध्यक्ष मनोज केसरी ने बताया कि इस विशाल पंडाल के निर्माण में लगभग 15 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पंडाल में माता दुर्गा की दिव्य प्रतिमा के साथ-साथ तिरुपति बालाजी का विस्तृत मंदिर स्वरूप भी प्रदर्शित किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए भक्ति का अद्वितीय अनुभव लेकर आएगा।

धार्मिक पर्यटन का अनुभव

श्रीरामजानकी मंदिर समिति की यह कोई पहली पहल नहीं है। समिति बीते कई वर्षों से श्रद्धालुओं को प्रसिद्ध तीर्थस्थलों के दर्शन एक ही स्थान पर कराने का बीड़ा उठाती रही है। वर्ष 2005 में समिति ने पहली बार भव्य गुफा और पंडाल बनाकर माता वैष्णो देवी के दर्शन कराए थे। उस समय करीब 500 मीटर लंबी गुफा बनाई गई थी, जिसमें बाणगंगा, अर्धकुंवारी, सांझी छत जैसे स्थलों का सजीव चित्रण कर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया गया था।

तब से लेकर अब तक समिति ने अयोध्या धाम, चारधाम यात्रा और विंध्यवासिनी माता मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों की झांकियां बनाकर सिसवा को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बना दिया है।

मेला, सरोवर और भक्ति का संगम

इस बार के आयोजन को और भव्य बनाने के लिए मंदिर परिसर के सरोवर को भी सजाया गया है, जहां श्रद्धालु ध्यान व ध्यानाभ्यास कर सकेंगे। महोत्सव में लगने वाला विशाल मेला, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए मनोरंजन का मुख्य केंद्र होगा। खेल, झूले, स्थानीय हस्तशिल्प और व्यंजन मेले की शान बढ़ाएंगे।

समिति के महामंत्री जितेंद्र वर्मा ने बताया कि “हमारा उद्देश्य सिर्फ पंडाल बनाना नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं को ऐसा अनुभव देना है जो उन्हें भक्ति, संस्कृति और दर्शन का जीवंत मिलन कराए।”

इस साल की थीम

श्रीरामजानकी मंदिर समिति ने इस वर्ष की थीम “भक्ति में ही शक्ति” रखी है। पंडाल की सजावट, झांकियों का निर्माण और धार्मिक कार्यक्रम सभी इस थीम के अनुरूप होंगे। आयोजकों को उम्मीद है कि इस वर्ष का महोत्सव न केवल सिसवा के लिए, बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए एक धार्मिक पर्यटन स्थल का उदाहरण बनेगा।

 

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  • Maharajganj

Published : 
  • 25 September 2025, 5:23 PM IST