

विकास भवन देवरिया में अधिकारी से लेकर बाबू तक कुर्सियां छोड़कर रहे नदारत। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर
विकास भवन में खाली मिली कुर्सियां
देवरिया: विकास भवन देवरिया में शुक्रवार को लापरवाही और अनुशासनहीनता का नजारा देखने को मिला। डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने सुबह 10:40 बजे विकास भवन का दौरा किया तो पाया कि मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) कार्यालय से लेकर विभिन्न विभागों में अधिकारी और बाबू अपनी कुर्सियां छोड़कर गायब थे। दरअसल, यह स्थिति तब थी, जब कई फरियादी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। विकास भवन, जो जिले के विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं का केंद्र माना जाता है, वहां इस तरह की लापरवाही ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सीडीओ कार्यालय के अधीनस्थ कई महत्वपूर्ण विभागों में जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी मौजूद नहीं थे। दिव्यांगजन विभाग में सीनियर बाबू अपनी कुर्सी पर नदारद थे। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय, पशुपालन विभाग और आरईएस विभाग में भी यही स्थिति थी, जहां न तो अधिकारी मिले और न ही बाबू। आर्यस विभाग के सीनियर बाबू राकेश कुमार सिंह भी कार्यालय में मौजूद नहीं थे। हैरानी की बात यह थी कि सीडीओ कार्यालय के गेट पर तैनात एक गार्ड कुर्सी पर झपकी लेता हुआ पाया गया। इस बीच, फरियादी अपनी समस्याओं को लेकर इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन उन्हें कोई सुनने वाला नहीं मिला।
परेशान दिखे फिरयादी
वहीं फरियादियों ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए बताया कि वे अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दूर-दूर से आए थे। दिव्यांगजन विभाग में पेंशन से संबंधित मामलों के लिए रुद्रपुर की चंदा देवी, बहोरा दलपतपुर के अमरजीत प्रसाद और महदहा की कुमारी रिंकी कार्यालय पहुंची थीं, लेकिन कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। वहीं, गाजी भैसही, विकासखंड रुद्रपुर के ग्रामीण वर्तमान ग्राम प्रधान के खिलाफ शिकायती पत्र देने आए थे, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी के न होने से उनकी शिकायत दर्ज नहीं हो सकी।
यह स्थिति ने न केवल प्रशासनिक लापरवाही, बल्कि आम जनता के प्रति उदासीनता को भी सामने ला दिया है। विकास भवन जैसे महत्वपूर्ण कार्यालय में इस तरह की अनुशासनहीनता से जनता का विश्वास प्रशासन पर कम होता जा रहा है। फरियादियों का कहना है कि अगर अधिकारी और कर्मचारी समय पर कार्यालय में मौजूद रहें और उनकी समस्याओं का समाधान करें, तो उनकी परेशानियां काफी हद तक कम हो सकती हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट ने एक बार फिर जिला प्रशासन के सामने सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्यों विकास भवन में इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है? क्या जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी?