

वेस्ट उत्तर प्रदेश के लाखों किसानों के लिए यह खुशी की खबर है। अब सालों पुरानी मांग पूरी होने की उम्मीद है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रतीकात्मक फोटो (सोर्स: इंटरनेट)
बागपत: सांसद डॉ.राजकुमार सांगवान ने किसानों की आय से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समस्या को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि समझौते के आधार पर किसानों से ली गई भूमि को भी उसी तरह कर मुक्त किया जाए। जैसे अनिवार्य अधिग्रहण की गई भूमि को कर छूट दी जाती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, डॉ.राजकुमार सांगवान ने अपने ज्ञापन में कहा कि वर्तमान आयकर व्यवस्था में यदि कोई किसान अपनी जमीन सरकार को अनिवार्य अधिग्रहण के तहत देता है तो उसे पूंजीगत लाभ कर से छूट प्राप्त होती है। लेकिन यदि वही किसान किसी विकास परियोजना में सहयोग करते हुए समझौते के माध्यम से अपनी भूमि देता है तो उसे मिलने वाला मुआवजा कर योग्य माना जाता है।
जबरन अधिग्रहण में कर छूट दी जाती
उन्होंने इस स्थिति को अन्यायपूर्ण और सरकार की सहमति आधारित भूमि अधिग्रहण नीति के खिलाफ बताया। डॉ.राजकुमार सांगवान का कहना है कि ऐसे किसान जो स्वेच्छा से विकास कार्यों के लिए जमीन देते हैं। उन्हें सजा के रूप में कर चुकाना पड़ता है, जबकि जबरन अधिग्रहण में कर छूट दी जाती है।
मेरठ से नोएडा तक व्यापक समस्या
सांसद ने बताया कि यह समस्या सिर्फ मेरठ तक सीमित नहीं है। बल्कि गाजियाबाद, बागपत, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के किसान भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं। इन सभी क्षेत्रों में किसान स्वेच्छा से विकास कार्यों के लिए भूमि दे रहे हैं, लेकिन उन्हें कर छूट नहीं मिल रही। जिससे आर्थिक और विधिक असमानता उत्पन्न हो रही है।
आयकर अधिनियम में संशोधन की मांग
ज्ञापन में डॉ. सांगवान ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस असमानता को समाप्त करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 10(37) में संशोधन किया जाना चाहिए। जिससे समझौता आधारित भूमि अधिग्रहण को भी कर छूट का लाभ मिल सके। यदि संशोधन तुरंत संभव न हो तो केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को आवश्यक दिशा-निर्देश या स्पष्टीकरण जारी करने की सलाह दी गई है। जिससे इससे जुड़े किसानों को राहत मिल सके।
किसानों के लिए राहत की उम्मीद
डॉ. राजकुमार सांगवान के इस पहल से क्षेत्रीय किसानों में उम्मीद की किरण जगी है। यदि सरकार इस मांग को मान लेती है तो हजारों किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी और वे विकास कार्यों में बिना किसी आर्थिक नुकसान के सहयोग कर सकेंगे। ज्ञापन सौंपने के बाद सांसद ने भरोसा जताया कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए इस मांग पर सकारात्मक निर्णय लेगी।