

22 सितंबर से लागू होने वाले जीएसटी सुधारों के तहत स्लैब को चार से घटाकर दो कर दिया गया है। आम जनता के रोजमर्रा के खर्चों में राहत, उद्योगों में उत्पादन बढ़ोतरी और निर्यातकों के लिए आसान रिफंड प्रक्रियाएं प्रमुख लाभ हैं।
देश में टैक्स दरों में ऐतिहासिक बदलाव
New Delhi: भारत में जीएसटी परिषद द्वारा 22 सितंबर से लागू होने वाली जीएसटी दरों में ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। इस बदलाव का सीधा असर आम जनता पर पड़ने वाला है और कई वस्तुओं के दामों में कमी देखने को मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत, जीएसटी दरों के स्लैब को चार से घटाकर दो कर दिया गया है, जो अब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत होंगे। इसके अलावा, लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा, जिसमें लग्जरी कार, सिगरेट, तंबाकू और अन्य महंगे सामान शामिल हैं। इस कदम से जीएसटी की संरचना सरल होगी और व्यापारियों तथा उपभोक्ताओं दोनों को राहत मिलेगी।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इन सुधारों को ऐतिहासिक और क्रांतिकारी करार दिया है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि इन सुधारों से छोटे व्यापारियों, उपभोक्ताओं और भारत की अर्थव्यवस्था को बड़े फायदे होंगे। उनका मानना है कि इन बदलावों से देश में खपत बढ़ेगी, जिससे व्यापार और उद्योग को नई गति मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी सुधारों से 400 से अधिक वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है, जिससे आम आदमी को रोजमर्रा की खरीदारी में राहत मिलेगी और जीएसटी अनुपालन में भी आसानी होगी।
देश में टैक्स दरों में ऐतिहासिक बदलाव
प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की रिपोर्ट के अनुसार, इन जीएसटी सुधारों से घरेलू खपत में 7-8% की बढ़ोतरी हो सकती है। इस वृद्धि का लाभ खुदरा व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को होगा। उपभोग में बढ़ोतरी का असर उद्योगों पर भी पड़ेगा, जो उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक गतिविधियों में भी इजाफा होगा। इसके अलावा, कर दरों का सरलीकरण जीएसटी अनुपालन को और सस्ता और आसान बनाएगा।
प्रवीन खंडेलवाल ने यह भी बताया कि सरकार ने बीमा सेवाओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया है, जिससे मध्यम वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। यह कदम स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम की दरों को किफायती बनाएगा, खासकर महामारी के बाद बढ़ती स्वास्थ्य लागत के बीच। इस कदम से बीमा कवरेज को बढ़ावा मिलेगा और आम परिवारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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विशेषज्ञों का मानना है कि इन सुधारों से भारत की जीडीपी पर सकारात्मक असर पड़ेगा। जीएसटी सुधारों के कारण उपभोग और औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे अगले वित्तीय वर्ष में जीडीपी में 0.5% से 0.7% तक की वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही, सरकारी राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) ने भी इन सुधारों का स्वागत किया है। FIEO के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि इन सुधारों से निर्यातकों को नकदी की चुनौतियों को कम करने में मदद मिलेगी। विशेष रूप से निर्यात रिफंड की प्रक्रिया को सरल और तेज किया गया है, जिससे कामकाजी पूंजी में रुकावट कम होगी और निर्यातकों को समय पर राहत मिलेगी। यह कदम भारत के निर्यात क्षेत्र को मजबूती देने के साथ घरेलू मांग को भी बढ़ावा देगा।
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ऑल इंडिया रेडीमेड गारमेंट्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स (AEPC) ने भी जीएसटी परिषद के इस निर्णय का स्वागत किया है। AEPC के अध्यक्ष सुधीर सेखरी ने कहा कि इन सुधारों से वस्त्र उद्योग को बड़ा फायदा होगा। खासकर ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने और निर्यात प्रतिस्पर्धा को मजबूत करने के लिए यह एक निर्णायक कदम है। इसके साथ ही, इन सुधारों से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा, जिससे भारतीय वस्त्र उद्योग को एक नई दिशा मिलेगी।