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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में उस वक्त हड़कंप मच गया जब गोरखपुर खजनी थाने में डीआईजी ने औचक निरीक्षण किया। जिसके बाद डीआईजी को कुछ ऐसा दिखा जिसने पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगा दिए। इस रिपोर्ट में जानिए क्या है पूरा मामला
Gorakhpur: दक्षिणांचल में शनिवार को डीआईजी गोरखपुर शिवा सिप्पी चनप्पा के औचक निरीक्षण ने पुलिस प्रशासन में खलबली मचा दी। डीआईजी सुबह11 बजे अचानक खजनी थाना पहुंचेने सूचना पर खलबली मच गई, जहां थाना समाधान दिवस पर उपस्थित फरियादियों की समस्याओं को उन्होंने स्वयं सुना।
शिकायत रजिस्टर में दर्ज विवरणों की जांच करते हुए डीआईजी ने मौके पर ही फरियादियों के मोबाइल नंबरों पर कॉल कर सत्यापन करने का निर्देश दिया। पुलिस कर्मियों द्वारा कॉल किए जाने पर अधिकांश नंबरों पर संपर्क नहीं हो पाया, केवल एक ही फरियादी से बात हो सकी। इस पर डीआईजी ने स्पष्ट नाराजगी जताते हुए इसे गंभीर लापरवाही करार दिया।
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डीआईजी ने कहा कि समाधान दिवस जनता की आवाज सुनने और उनकी समस्याओं का वास्तविक निस्तारण करने का माध्यम है। यदि रजिस्टर में दर्ज नंबर सही नहीं हैं या फरियादी तक संपर्क नहीं हो पाता, तो यह दर्शाता है कि शिकायतों के प्रति गंभीरता नहीं बरती जा रही। उन्होंने संबंधित पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि शिकायतों को औपचारिकता नहीं, बल्कि जनता के भरोसे का विषय समझा जाए। हर शिकायत का समयबद्ध और प्रभावी समाधान पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
गोरखपुर के खजनी थाने में डीआईजी शिवा सिप्पी चनप्पा का औचक निरीक्षण। फरियादियों के फोन नंबर फेल पाए जाने पर डीआईजी ने जताई कड़ी नाराजगी, कहा— “जनता की शिकायत औपचारिकता नहीं, भरोसे का विषय है।”#Gorakhpur #UPPolice #DIGInspection pic.twitter.com/UIndki2hCy
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) November 8, 2025
निरीक्षण के दौरान डीआईजी ने थाना परिसर का व्यापक अवलोकन किया। साफ-सफाई, अभिलेखों के रखरखाव, सीसीटीएनएस कक्ष, मालखाना, हवालात, ड्यूटी चार्ट और उपस्थिति रजिस्टर की स्थिति की जांच की। उन्होंने महिला शक्ति डेस्क की भी समीक्षा की और वहां दर्ज शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रिया को समझते हुए महिला सुरक्षा और संवेदनशीलता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। डीआईजी ने कहा कि महिला संबंधित मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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इस निरीक्षण के दौरान एसपी साउथ जितेंद्र कुमार, क्षेत्राधिकारी शिल्पा कुमारी, थाना प्रभारी अनूप सिंह सहित सभी हल्का प्रभारी मौजूद रहे। डीआईजी ने पुलिस कर्मियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए कि फरियादियों के साथ व्यवहार में सम्मान, संतुलन और संवेदनशीलता अत्यंत आवश्यक है। कार्यशैली की पारदर्शिता और जनता का विश्वास बनाए रखना ही एक सक्षम पुलिस व्यवस्था की पहचान है।
डीआईजी के औचक निरीक्षण के बाद थाने में सक्रियता बढ़ गई है। पुलिस कर्मियों में सतर्कता और कार्य के प्रति गंभीरता दिखाई दे रही है। संदेश साफ है कि ढिलाई या लापरवाही अब किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं होगी।