

गोरखपुर के पांच धार्मिक स्थलों के सौंदर्याकरण के लिए 2.67 करोड़ रुपये मंजूर। सुधार से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और स्थानीय आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। पढ़ें पूरी खबर
गोरखपुर मंदिर
Gorakhpur: गोरखपुर उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जो अपने ऐतिहासिक मंदिरों और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। अब इस शहर के पांच प्रमुख धार्मिक स्थलों मां करवल देई मंदिर, भूलेश्वर मंदिर, पोछिया ब्रह्मस्थान, झारखंडी महादेव मंदिर और खजनी महादेव मंदिर के सौंदर्याकरण के लिए 2.67 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस परियोजना का उद्देश्य इन स्थलों की सुंदरता और सुविधाओं को बढ़ाना, श्रद्धालुओं के लिए बेहतर अनुभव प्रदान करना और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है।
मां करवल देई मंदिर:
यह मंदिर स्थानीय लोगों के बीच गहरी आस्था का केंद्र है। सौंदर्याकरण के तहत मंदिर परिसर को आकर्षक बनाने के लिए रंग-रोगन, प्रकाश व्यवस्था और हरियाली पर ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए बैठने और पूजा-अर्चना की बेहतर व्यवस्था की जाएगी।
भूलेश्वर मंदिर:
प्राचीन और पवित्र से भरा यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यहां मंदिर के बाहरी और आंतरिक हिस्सों की मरम्मत, फर्श का नवीकरण और स्वच्छता सुविधाओं का विस्तार होगा। यह स्थल श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुगम और शांतिपूर्ण बनेगा।
पोछिया ब्रह्मस्थान:
यह स्थल स्थानीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। सौंदर्याकरण कार्य में परिसर की सजावट, पक्के रास्ते और पेयजल सुविधाओं का विकास शामिल है। इससे दर्शनार्थियों को सुविधा होगी और स्थल का आकर्षण बढ़ेगा।
झारखंडी महादेव मंदिर:
भगवान शिव का यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच विशेष स्थान रखता है। यहां सौंदर्याकरण के लिए मंदिर की दीवारों का सजावटी पेंट, प्रवेश द्वार का नवीकरण और बगीचों का विकास प्रस्तावित है।
खजनी महादेव मंदिर:
खजनी क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भी शिव भक्तों का प्रमुख केंद्र है। इसके सौंदर्याकरण में पार्किंग, विश्राम क्षेत्र और मंदिर परिसर की सफाई पर जोर दिया जाएगा।
इस परियोजना से न केवल इन मंदिरों की भव्यता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। धार्मिक पर्यटन के बढ़ने से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने इस पहल का स्वागत किया है, और कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है। यह कदम गोरखपुर को धार्मिक नक्शे पर और मजबूत करेगा।