

जयमाला के बाद दूल्हे का गुस्सा उसकी शादी पर भारी पड़ गया। जिसके बाद दुल्हन ने शादी से इनकार कर बारात लौटा दी। पंचायत और थाने में भी बात नहीं बनी और दूल्हा रोता रहा। पढ़िये क्या है पूरा मामला
थाना कोतवाली किशनी
Mainpuri: उत्तर प्रदेश के एक गांव में एक ऐसी घटना घटी, जिसने शादी के माहौल को तमाशे में बदल दिया। जयमाला के बाद खुशी-खुशी खाने की मेज पर बैठे दूल्हे राजा का गुस्सा इतना भड़का कि दुल्हन ने बारात ही लौटा दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह अनोखी कहानी गांव कछपुरा के रमेश चंद कठेरिया की बारात की है, जो किशनी थाना क्षेत्र के एक गांव में पहुंची थी। रात 11 बजे बारातियों का भव्य स्वागत हुआ और वरमाला का रंगीन समारोह संपन्न हुआ। माहौल खुशनुमा था, बाराती खाने का आनंद ले रहे थे और दूल्हा अपने दोस्तों के साथ मेज पर बैठा था। लेकिन, एक छोटी सी घटना ने सबकुछ उलट-पुलट कर दिया।
खाने की टेबल से क्यों उठा दूल्हा?
दरअसल, दुल्हन पक्ष के एक रिश्तेदार का पैर गलती से दूल्हे की मेज से टकरा गया, जिससे मेज हिल गई। यह छोटा सा हादसा दूल्हे राजा को इतना नागवार गुजरा कि उनका पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। गुस्से में आगबबूला हुए दूल्हे ने खाना छोड़कर उठने का फैसला किया और रिश्तेदार पर थप्पड़ तक जड़ दिया। इस हरकत से माहौल तनावपूर्ण हो गया। दुल्हन पक्ष के लोग दूल्हे को मनाने की कोशिश में जुट गए, लेकिन दूल्हा अपनी जिद पर अड़ा रहा। बात इतनी बढ़ गई कि दुल्हन और उसके पिता मौके पर पहुंचे। दुल्हन के पिता ने दूल्हे को समझाने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन वह टस से मस न हुआ।
दुल्हन ने लौटाई बारात
आखिरकार, दुल्हन ने साहसिक कदम उठाते हुए शादी से इनकार कर दिया। उसने कहा, "जो मेरे पिता का अपमान करे, वह मेरा जीवनसाथी नहीं हो सकता।" इतना ही नहीं, दुल्हन ने 10 महीने पहले रिश्ता तय होने पर दूल्हे द्वारा दिए गए मोबाइल फोन को भी लौटा दिया। पंचायत घंटों चली, लेकिन कोई हल न निकला।
माफी मांगते दिखा दूल्हा
यह मामला थाना किशनी पहुंचा, जहां प्रभारी ललित भाटी ने भी समझौता कराने की कोशिश की, मगर बात नहीं बनी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया। अंत में, दूल्हे को बिना दुल्हन के बारात वापस ले जानी पड़ी। इस घटना ने पूरे गांव में हलचल मचा दी। दूल्हा, जो पहले गुस्से में था, बाद में रोता और माफी मांगता नजर आया, लेकिन दुल्हन अपने फैसले पर अडिग रही।