Aligarh News: ताला नगरी अब बन रहा आलू उत्पादों का हब, जिले को मिल रही नई पहचान

अलीगढ़ में आलू की खेती के अलावा अब यहां पाउडर भी तैयार किया जा रहा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 19 May 2025, 4:21 PM IST
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अलीगढ़: जिले को आमतौर पर ताला नगरी के नाम से जाना जाता है। अब कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, जिले में बड़े पैमाने पर आलू की खेती की जाती है और अब यहां आलू से चिप्स और नमकीन के साथ-साथ पाउडर भी तैयार किया जा रहा है। जिले में हर दिन करीब 75 टन आलू का पाउडर तैयार किया जा रहा है, जो न केवल देश, बल्कि विदेशों में भी अपनी मांग बना रहा है।

30245 हेक्टेयर में होती है आलू की खेती

जिला उद्यान अधिकारी शिवानी तोमर के मुताबिक, अलीगढ़ जिले में लगभग 30245 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू की खेती की जाती है। यहां की उपज को चिप्स और नमकीन बनाने वाली कई नामचीन कंपनियां खरीदती हैं। इससे किसानों को भी आर्थिक रूप से लाभ हो रहा है और खाद्य उद्योग में जिले का नाम भी रोशन हो रहा है।

बढ़ रही है आलू पाउडर की मांग

शिवानी तोमर ने बताया कि वर्तमान में आलू पाउडर की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस पाउडर का उपयोग बर्गर, पराठे, कटलेट, टिक्की जैसी चीजों में हो रहा है। खास बात यह है कि विदेशों में बनने वाली नमकीन में भी अब अलीगढ़ के आलू पाउडर का स्वाद समाया है।

विदेशों में हो रहा है निर्यात

अलीगढ़ से तैयार होने वाला आलू पाउडर इजरायल, ब्राजील, इंडोनेशिया समेत पांच देशों में निर्यात किया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2018 में दक्षिण अमेरिका के गुयाना में अलीगढ़ से 29 टन आलू निर्यात किया गया था, जो कि एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के माध्यम से हुआ था। यह जिले के किसानों और उद्यमियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

कैसे बनता है आलू पाउडर?

जिला उद्यान अधिकारी ने आलू पाउडर की निर्माण प्रक्रिया को भी साझा किया। कोल्ड स्टोरेज से आलू लाकर उन्हें छीला और धोया जाता है। फिर उबालने के बाद पीसकर उसका पेस्ट तैयार किया जाता है। इसके बाद उसे सुखाकर पाउडर बनाया जाता है। इस पाउडर की कीमत 120 से 130 रुपये प्रति किलो तक होती है।

बढ़ती मांग और नई दिशा

शिवानी तोमर के अनुसार, आलू के विविध उत्पादों की मांग के चलते यह उद्योग नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इससे किसानों को बेहतर कीमत, रोजगार के नए अवसर और निर्यात की संभावनाएं मिल रही हैं। अलीगढ़ अब सिर्फ तालों के लिए ही नहीं, बल्कि आलू और उससे बने उत्पादों के लिए भी जाना जाएगा।

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