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उत्तर प्रदेश में कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी मामले की जांच के लिए योगी सरकार ने SIT गठित की है। FSDA अब तक 128 केस दर्ज कर 35 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। फर्जी फर्मों के जरिए अरबों की कमाई का खुलासा होने से प्रशासनिक स्तर पर बड़ा अभियान तेज हो गया है।
कोडीन सिरप तस्करी पर SIT गठित
Raebareli: उत्तर प्रदेश में कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी और फर्जी फर्मों के जरिए अरबों की कमाई के मामले ने हड़कंप मचा दिया है। योगी सरकार ने इस पूरे प्रकरण की गहन जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। मामले में अब तक ड्रग विभाग सक्रिय रहा है और FSDA की ओर से कुल 128 केस दर्ज किए गए हैं, साथ ही 35 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है।
जांच के दौरान रायबरेली के दो मेडिकल व्यापारियों-अजय फार्मा के संचालक दिवाकर और मेडिसिन हाउस के संचालक प्रियांशु-के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। रायबरेली ड्रग इंस्पेक्टर ने इन दोनों पर मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि ये दोनों कोडीनयुक्त कफ सिरप की बड़े पैमाने पर अवैध सप्लाई और बिक्री में शामिल थे। फिलहाल दोनों संचालक फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।
दोनों संचालक करीब दो वर्ष पहले होलसेल लाइसेंस लेकर मेडिकल व्यवसाय में आए थे। बताया जाता है कि उन्होंने शहर से बाहर दुकान खोलकर सप्लाई चेन बनाई और इसी कवर में वे अवैध तरीके से कोडीनयुक्त कफ सिरप की आपूर्ति करते थे। जांच एजेंसियों का मानना है कि इनका नेटवर्क व्यापक था और ये लोग फर्जी फर्मों के जरिए मादक कफ सिरप को विभिन्न जिलों तक पहुंचाते थे।
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केमिस्ट एसोसिएशन रायबरेली के जिला अध्यक्ष आशीष त्रिपाठी ने साफ कहा कि दिवाकर और प्रियांशु का एसोसिएशन से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया-"ये लोग केवल दो साल पहले होलसेल लाइसेंस लेकर बाजार में आए थे। हमारे संगठन से इनका कोई लेना-देना नहीं है। यह लोग शहर से बाहर दुकान लेकर कारोबार कर रहे थे और अवैध तरीके से सेल करने में लगे थे।"
उन्होंने आगे कहा कि एसोसिएशन में ऐसे लोगों को शामिल नहीं किया जाता। यदि भविष्य में कोई भी सदस्य इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाया गया, तो संगठन उसका समर्थन नहीं करेगा और प्रशासन की हर संभव मदद करेगा।
Raebareli: उत्तर प्रदेश में कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी के बड़े रैकेट पर सरकार ने कसा शिकंजा। योगी सरकार ने मामले की गहन जांच के लिए SIT का गठन किया है।
FSDA ने अब तक 128 केस दर्ज किए और 35 आरोपित गिरफ्तार किए हैं।
रायबरेली में ड्रग इंस्पेक्टर ने अजय फार्मा के दिवाकर और… pic.twitter.com/huBAcnRXOP— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 10, 2025
SIT अब पूरे नेटवर्क की तेजी से जांच कर रही है। फर्जी कंपनियां, सप्लाई चैन, बैंक लेनदेन और संदिग्ध मेडिकल संचालकों की गतिविधियों पर गहन छानबीन की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह मामला राज्य में फैले अवैध ड्रग व्यापार के बड़े तंत्र की ओर संकेत करता है।
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कोडीनयुक्त कफ सिरप की तस्करी पर अब सरकार और एजेंसियां पूरी तरह सख्त हो गई हैं। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही इस बड़े नेटवर्क का पूर्ण खुलासा किया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।