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जिले में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर डीएम दीपक मीणा की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। डीएम ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अब लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और प्रत्येक विद्यालय का निरीक्षण किया जाएगा।
अधिकारियों को सख्त निरीक्षण
Gorakhpur: गोरखपुर जनपद में बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के उद्देश्य से बुधवार को जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में डीएम मीणा ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि अब शिक्षा व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि “हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना शासन की प्राथमिकता है और इसे जमीनी स्तर पर सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है।”
बैठक में जिलाधिकारी ने शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि कई विद्यालयों का लंबे समय से निरीक्षण नहीं किया गया, जिससे शिक्षण व्यवस्था की वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों से जिला के 21 ब्लॉकों और 7 तहसीलों के विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यार्थियों की संख्या, मिड-डे मील की गुणवत्ता, शौचालयों की साफ-सफाई, स्मार्ट क्लास का उपयोग और शिक्षण सामग्री की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
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डीएम मीणा ने सख्त लहजे में कहा कि अब केवल कागजी रिपोर्ट भेजना पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि स्कूलों में वास्तविक सुधार दिखाई देना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे विद्यालयों में जाकर बच्चों से बातचीत करें, उनके अध्ययन स्तर को परखें और शिक्षकों को आवश्यक मार्गदर्शन दें। उन्होंने स्पष्ट किया कि निरीक्षण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी शाश्वत त्रिपुरारी ने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ स्वच्छता, पेयजल, बालिकाओं की सुरक्षा और परिसर के सौंदर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की समग्र शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए सभी बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा।
बीएसए रामेंद्र सिंह ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में अकादमिक मॉनिटरिंग टीम गठित की गई है, जो शिक्षकों की शिक्षण पद्धति और विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता का मूल्यांकन करेगी। उन्होंने कहा कि इस टीम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षकों द्वारा अपनाई गई शिक्षण पद्धति बच्चों की सीखने की क्षमता में सुधार लाए और बच्चों की शिक्षा के स्तर को ऊंचा किया जा सके।
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परियोजना निदेशक दीपक सिंह ने बताया कि बच्चों की सीखने की दक्षता बढ़ाने के लिए तकनीकी साधनों का अधिकतम उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लासेस और डिजिटल लर्निंग उपकरणों के माध्यम से बच्चों की शिक्षा को और प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक का मुख्य संदेश यही था कि गोरखपुर प्रशासन अब शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि हर अधिकारी अपने क्षेत्र के विद्यालयों का जिम्मेदारीपूर्वक निरीक्षण करेगा, ताकि हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंच सके और गोरखपुर शिक्षा सुधार का आदर्श जनपद बन सके।