

सोनभद्र में लगातार बारिश और बांध से छोड़े जा रहे पानी के चलते नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कई घाट जलमग्न हो चुके हैं, कॉलोनियों में जलभराव और किसानों की फसलें बर्बादी के कगार पर हैं; प्रशासन ने जारी किया अलर्ट।
सोन-नदियों में बाढ़ की दस्तक, तटवर्ती गांवों में खतरा
Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में मानसून सक्रिय होते ही नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। लगातार हो रही बारिश और मध्यप्रदेश के बाणसागर तथा कनहर बांध से पानी छोड़े जाने के बाद जिले की प्रमुख नदियां- सोन, कन्हर और रिहंद उफान पर हैं। जलस्तर में तेजी से हो रही बढ़ोतरी के चलते निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सिंचाई विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अमवार स्थित कनहर बांध का जलस्तर बढ़ने के कारण गुरुवार सुबह तक कुल आठ गेट खोल दिए गए हैं। इससे 3200.97 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से पानी छोड़ा जा रहा है। गुरुवार सुबह 8 बजे तक बांध का जलस्तर 255.900 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान के करीब माना जा रहा है।
बुधवार रात से ही सोन और कन्हर नदियों में जबरदस्त पानी की आवक देखी गई, जिससे सोनेश्वर घाट पूरी तरह जलमग्न हो गया है। वहां पूजा-अर्चना और स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कनहर बांध के आठ गेट खुले
चोपन रेलवे कॉलोनी के 600 क्वार्टर्स में पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। जलस्तर बढ़ने के कारण रेलवे पंप हाउस की मोटरें जलमग्न होने के कगार पर हैं। रेलवे कर्मचारी मोटरों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने में जुटे हुए हैं ताकि पेयजल संकट और गहरा न हो।
तटवर्ती इलाकों में खेती करने वाले किसान भी बुरी तरह से चिंतित हैं। गांवों से आ रही जानकारी के मुताबिक, खेतों में खड़ी धान और सब्जियों की फसलें डूबने के कगार पर हैं। यदि जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो भारी नुकसान की आशंका है।
ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से ऐसी स्थिति का सामना नहीं कर रहे थे। एक किसान ने चिंता जताते हुए कहा, नदियों में पानी का बहाव इतना तेज है कि घाट किनारे खड़े रहना भी मुश्किल हो गया है। खेतों में पानी भर गया है, फसलें डूबने लगी हैं।
सिंचाई विभाग लगातार स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है और जलस्तर को संतुलित रखने के लिए कनहर बांध के गेटों को नियंत्रित रूप से खोला जा रहा है। अधिकारी यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को समय रहते सतर्क किया जा सके।
प्रशासन ने संभावित बाढ़ से निपटने के लिए सभी विभागों को अलर्ट पर रखा है। ग्रामीणों से अपील की जा रही है कि वे नदी किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
जिला प्रशासन की ओर से हालात को देखते हुए अगले 48 घंटे जिले के लिए बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं।
मानसून की सक्रियता और बांध से छोड़े गए पानी के चलते सोनभद्र जिले में बाढ़ का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। यदि बारिश और पानी का बहाव इसी तरह जारी रहा, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।