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वाराणसी–शक्तिनगर स्टेट हाईवे पर पिछले कई दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। बुधवार सुबह स्थिति इतनी गंभीर रही कि वाहन चालकों को कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। दृश्यता लगभग शून्य होने से दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ गई है।
हाईवे पर कोहरा बना जानलेवा
Sonbhadra: वाराणसी–शक्तिनगर स्टेट हाईवे पर पिछले कई दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। बुधवार सुबह स्थिति इतनी गंभीर रही कि वाहन चालकों को कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था। दृश्यता लगभग शून्य होने से दुर्घटनाओं की आशंका कई गुना बढ़ गई है। बावजूद इसके, सड़क की देखरेख कर रही कंपनी यूपीएसए (UPSA) की ओर से सुरक्षा के लिए कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
स्टेट हाईवे और अन्य प्रमुख मार्गों पर बनी सफेद लेन मार्किंग पट्टियां कई स्थानों पर पूरी तरह मिट चुकी हैं। ये पट्टियां वाहन चालकों को लेन अनुशासन, सड़क की दिशा और चौड़ाई का संकेत देती हैं। इनके धूमिल होने से खासकर कोहरे के समय वाहन चालक भ्रमित हो रहे हैं। इससे आमने-सामने की टक्कर, सड़क से फिसलने और गड्ढों में गिरने जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
राजमार्ग के मोड़, ढलान और डिवाइडर-रहित हिस्सों पर जहां अधिक सतर्कता की जरूरत होती है, वहां भी सुरक्षा संकेत गायब हैं। तकनीकी मानकों के अनुसार रिफ्लेक्टिव पट्टियां अनिवार्य होती हैं ताकि रात में हेडलाइट की रोशनी में चमक सकें, लेकिन खराब गुणवत्ता के कारण ये पट्टियां जल्दी ही मिट गई हैं। इससे रात के समय भी दृश्यता की समस्या बनी रहती है।
वाराणसी–शक्तिनगर स्टेट हाईवे पर पिछले कई दिनों से घना कोहरा छाया हुआ है। बुधवार सुबह स्थिति इतनी गंभीर रही कि वाहन चालकों को कुछ भी साफ दिखाई नहीं दे रहा था।#UPWeather #Weatherupdate pic.twitter.com/fTxYp3AJ8Q
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 24, 2025
घने कोहरे के बावजूद कई वाहन चालक गति कम नहीं कर रहे हैं। खासकर खनिज लदे वाहनों के चालकों पर समय पर पहुंचने का दबाव रहता है, जिससे वे तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं। प्रशासन द्वारा गति मानक तय होने के बावजूद यातायात नियमों के पालन में सख्ती नहीं दिखाई दे रही है।
Sonbhadra News: कोहरे में हाईवे बना जानलेवा, धूमिल लेन मार्किंग से बढ़ा हादसों का खतरा
दूसरी ओर, ओबरा तहसील के बिल्ली मारकुंडी और खैरटिया गांवों में कड़ाके की ठंड के बावजूद अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे ठिठुरने को मजबूर हैं। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर ने बताया कि सूर्य दिखाई नहीं दे रहा है और गलन बढ़ गई है, लेकिन ग्राम पंचायत की ओर से कोई इंतजाम नहीं है।
ठंड के कारण मजदूर बीमार पड़ रहे हैं, जिससे कामकाज और घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों में छुट्टी जरूर कर दी है, लेकिन अलाव और रैन बसेरे जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैं।
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बसपा के विधानसभा संयोजक सूर्य बलि गौतम सहित ग्रामीणों ने जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी और ग्राम प्रधान से जल्द अलाव और रैन बसेरे की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि लोग ठंड से सुरक्षित रह सकें और हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।