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देवरिया से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक की मौत के बाद मुआवजे और कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। 6 दिसंबर को 21 वर्षीय रतन सोनकर, पुत्र गुड्डू सोनकर, की कथित तौर पर स्कूल बस की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई।
14 लाख में युवक की मौत का सौदा
Deoria: देवरिया से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक की मौत के बाद मुआवजे और कार्रवाई को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। 6 दिसंबर को 21 वर्षीय रतन सोनकर, पुत्र गुड्डू सोनकर, की कथित तौर पर स्कूल बस की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बस की जगह ट्रक से दुर्घटना बताकर मामले को अलग मोड़ दे दिया।
घटना के बाद पुलिस बस को थाना परिसर लाई, लेकिन कुछ देर बाद छोड़ दिया गया। परिजनों का कहना है कि इससे संदेह और गहराया। मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि सही वाहन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई और मामले को दबाने की कोशिश हुई।
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पीड़ित परिवार का आरोप है कि थानाध्यक्ष त्रिवेनी मौर्य ने अपने कक्ष में बैठाकर स्कूल बस मालिक से 14 लाख रुपये में समझौता कराया। आरोप है कि इसी शर्त पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। समझौते के तहत बस मालिक ने तत्काल 2 लाख रुपये दिए और शेष 12 लाख 15 दिनों में देने का आश्वासन दिया।
परिजनों का कहना है कि बाद में स्कूल संचालक ने शेष रकम देने से साफ इनकार कर दिया। इससे नाराज परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। बुधवार को पूरे दिन धरना-प्रदर्शन हुआ और विरोध स्वरूप कई दुकानें बंद रहीं। प्रदर्शनकारियों ने निष्पक्ष जांच और थानाध्यक्ष को हटाने की मांग की।
मामले की जानकारी मिलने पर प्रशासन हरकत में आया। मौके पर पहुंचे एसडीएम और सीओ ने परिजनों से बातचीत की। एसडीएम विपिन कुमार द्विवेदी ने बताया कि परिजनों को समझा-बुझाकर घर भेज दिया गया है और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया गया है।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि युवक की मौत के बाद जिस तरह से कार्रवाई हुई, उसने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजन निष्पक्ष जांच, दोषियों पर सख्त कार्रवाई और उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल प्रशासनिक आश्वासन के बाद धरना समाप्त हो गया है, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ है। अब देखना होगा कि आरोपों की जांच कैसे होती है और पीड़ित परिवार को न्याय कब तक मिलता है।