

सोनभद्र के खड़िया नाउ टोला बस्ती पर भारी बारिश ने कहर ढाया है। ओबी डंपिंग और संकरा नाला गांव के लिए मुसीबत बने हैं। प्रशासन और एनसीएल की उदासीनता से ग्रामीण त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।
ओबी डंपिंग और कोल वॉरफॉल का कहर
Sonbhadra: यूपी के सोनभद्र जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है, जहां शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया ग्राम पंचायत में स्थित नाउ टोला बस्ती भारी संकट में है। बता दें कि गांव के एक किनारे विशाल ओबी डंपिंग पहाड़ है, जो लगातार धूल, पत्थर और प्रदूषण फैला रहा है। वहीं दूसरी ओर, कोयले की वॉरफॉल ने जीवन को और जटिल बना दिया है। इससे गांव के लोग सांस लेने तक को मजबूर हैं।
परियोजना के विस्तार के दौरान गांव के समीप बने नाले को संकरा कर दिया गया है। हर बारिश के मौसम में यह नाला गांव के लिए आफत बन जाता है। तेज बहाव से घरों में कीचड़ भर जाता है, मवेशी बह जाते हैं, और बच्चे स्कूल जाने में असमर्थ हो जाते हैं। बता दें कि पिछले चार वर्षों से यह समस्या बनी हुई है।
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ग्रामवासियों का आरोप है कि न तो एनसीएल ने स्थायी समाधान निकाला, न प्रशासन ने इस समस्या को गंभीरता से लिया। केवल औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सहानुभूति जताकर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे गांव वालों में निराशा व्याप्त है।
नाउ टोला बस्ती की दुर्दशा
गुस्साए ग्रामीणों के साथ थाना प्रभारी, ग्राम प्रधान विजय गुप्ता लालबाबू, बसपा नेता पन्ना लाल, सपा नेता मुकेश सिंह, युवा प्रतिनिधि संजय गुप्ता, सोनू वर्मा, जितेंद्र कुमार, शशांक अग्रहरि और समाजसेवी सनीशरण ने एनसीएल अधिकारियों से वार्ता की। मौके का निरीक्षण कर नुकसान की भरपाई और समस्या के समाधान का आश्वासन दिया गया।
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नाउ टोला के निवासियों की पुकार अब भी सुनवाई की प्रतीक्षा में है। क्या विकास के नाम पर ग्रामीणों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जाना सही है? इस गंभीर मुद्दे पर प्रशासन को तुरंत ठोस कदम उठाना होगा।