

सोनभद्र में प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र पर छात्राओं ने कोर्स में अनियमितता, फर्जी प्रमाण पत्र और अभद्र टिप्पणी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। ABVP ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए सीओ सदर से कार्रवाई की मांग की है।
स्किल सेंटर पर छात्रों का फूटा गुस्सा
Sonbhadra: प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत संचालित महिंद्रा स्किल सेंटर, रॉबर्ट्सगंज (कोतवाली क्षेत्र) एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। इस बार संस्थान पर गंभीर अनियमितताओं, फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने और छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार जैसे आरोप लगे हैं।
केंद्र में ब्यूटीशियन कोर्स कर रही छात्राओं ने आरोप लगाया है कि कोर्स की निर्धारित अवधि मात्र तीन माह है, लेकिन संस्थान प्रबंधन ने जबरन इस कोर्स को एक वर्ष तक खींचा। इतना ही नहीं, कोर्स समाप्ति के बाद छात्रों को प्रोविजनल प्रमाण पत्र दिए गए जो किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा स्वीकृत नहीं हैं।
छात्राओं ने यह भी बताया कि जब उन्होंने अपने अधिकारों की मांग की और प्रमाण पत्रों की मान्यता पर सवाल उठाए, तो संस्थान के शाखा प्रबंधक द्वारा सोशल मीडिया पर उनके चरित्र को लेकर अभद्र टिप्पणियाँ की गईं। यह मामला सामने आने के बाद छात्रों ने आक्रोशित होकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं से संपर्क किया।
पीड़ित छात्रा
ABVP के प्रान्त कार्यसमिति सदस्य अनमोल सोनी और अन्य कार्यकर्ता तुरंत मामले में हस्तक्षेप करते हुए पीड़ित छात्रों की शिकायत लेकर सीओ सदर रणधीर मिश्रा से मुलाकात की और संस्थान प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पीड़ित छात्रा अलका कुमारी ने बताया, हमसे कोर्स के नाम पर एक साल तक समय लिया गया, लेकिन प्रमाण पत्र प्रोविजनल दिए गए जो किसी भी नौकरी या ट्रेनिंग में मान्य नहीं हैं। जब हमने सवाल किया तो हमारे ऊपर ही गलत टिप्पणियां की गईं।
ABVP नेता अनमोल सोनी ने कहा, यह केवल शिक्षा का शोषण नहीं, बल्कि छात्राओं के आत्मसम्मान पर चोट है। हम मांग करते हैं कि जिम्मेदारों पर कानूनी कार्रवाई हो और छात्राओं को सही प्रमाण पत्र मिलें।
सीओ सदर रणधीर मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जाँच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि छात्रों के आरोप सही पाए जाते हैं तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ उचित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न केवल कौशल विकास योजनाओं की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे कुछ संस्थान इन योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं। सरकार जहां युवाओं को हुनरमंद बनाने के उद्देश्य से करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं कुछ निजी संस्थान इसका फायदा उठाकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
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