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सोनभद्र के पड़री खुर्द गांव में हाईटेंशन बिजली के तार टूटने से बड़ा हादसा हो गया। आठ मवेशियों की मौत और एक किसान झुलसने से गांव में मातम पसरा है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुआवजे और कार्रवाई की मांग की है।
हाईटेंशन बिजली के तार टूटने से बड़ा हादसा
Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के पड़री खुर्द गांव में बुधवार की सुबह हाईटेंशन बिजली के तार की चपेट में आने से आठ मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से झुलस गया। हादसे के बाद पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीणों में बिजली विभाग के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला।
घटना बुधवार की सुबह करीब 7 बजे की बताई जा रही है, जब गांव के रहने वाले सोमारु यादव अपने मवेशियों को खेत की ओर ले जा रहे थे। अचानक ऊपर से गुजर रहे 11,000 वोल्ट के हाईटेंशन तार में तेज़ करंट दौड़ गया और तार टूटकर नीचे गिर पड़ा। इस करंट की चपेट में आते ही आठ मवेशियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सोमारु यादव गंभीर रूप से झुलस गए।
गांववालों के मुताबिक, करंट इतना तेज़ था कि मवेशियों को संभालने का मौका तक नहीं मिला। लोगों ने किसी तरह सोमारु को बचाकर तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर के कई हिस्से झुलस गए हैं, हालांकि उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
हादसे के बाद पूरे पड़री खुर्द गांव में मातम और गुस्से का माहौल बन गया। मृत मवेशियों को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों ने बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि यह हादसा उनकी घोर लापरवाही का नतीजा है।
ग्रामीणों ने बताया कि इसी क्षेत्र में पहले भी दो बार बिजली के तार टूट चुके हैं। हर बार विभाग को इसकी जानकारी दी गई थी और ग्रामीणों ने तारों के नीचे जाली या सुरक्षा कवर लगाने की मांग भी की थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। विभाग की इस अनदेखी का नतीजा आज गांव को भुगतना पड़ा।
मौके पर पहुंचे अधिकारी व पुलिस
घटना की सूचना मिलते ही सदर विधायक भूपेश चौबे मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। विधायक ने कहा कि घटना बेहद दुखद है और दोषी अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही सीओ सिटी रणधीर मिश्रा और रॉबर्ट्सगंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक माधव सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके का निरीक्षण किया और ग्रामीणों को शांत कराने का प्रयास किया।
हालांकि, गुस्साए ग्रामीण तब तक शांत नहीं हुए जब तक अधिकारियों ने लिखित रूप में जांच और कार्रवाई का भरोसा नहीं दिया। प्रशासन ने मृत मवेशियों का पंचनामा भरवाकर दफन करवाया और झुलसे व्यक्ति के इलाज के लिए आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही इस क्षेत्र में नई नहीं है। तार पुराने और जर्जर हो चुके हैं, लेकिन विभाग ने उनकी मरम्मत या बदलने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। एक स्थानीय निवासी ने कहा- "हम लोगों ने कई बार बिजली विभाग के जेई को शिकायत दी थी। यहां तार कई जगहों से झूल रहे हैं। अगर समय रहते इनकी मरम्मत हो जाती, तो आज यह हादसा नहीं होता।"
अब ग्रामीणों की मांग है कि बिजली विभाग के लापरवाह कर्मचारियों पर FIR दर्ज की जाए और पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए।
प्रशासन ने इस हादसे पर संज्ञान लेते हुए घटना की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगर लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हादसे की पूरी जांच की जा रही है और हाईटेंशन लाइन के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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ग्रामीणों के मुताबिक, जिन आठ मवेशियों की मौत हुई, उनमें चार गायें और चार भैंसें थीं, जिनकी कुल कीमत करीब तीन लाख रुपये बताई जा रही है। यह नुकसान एक गरीब किसान परिवार के लिए बेहद बड़ा झटका है।