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महराजगंज के सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) और वन विभाग के संयुक्त सहयोग से एक नई अनुसंधान परियोजना की शुरुआत हुई है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य वन्यजीवों के संरक्षण, आवासीय व्यवहार और पारिस्थितिक संतुलन का वैज्ञानिक अध्ययन करना है।
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में रिसर्स प्रोजेक्ट शुरू
Maharajganj: सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में वन्यजीवों के संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन को वैज्ञानिक दृष्टि से सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक नई अनुसंधान परियोजना (रिसर्च प्रोजेक्ट) की शुरुआत की गई है। यह परियोजना वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) और उत्तर प्रदेश वन विभाग के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई है, जो आने वाले समय में वन संरक्षण की दिशा में एक नई मिसाल पेश करेगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रविवार को सोहगीबरवा वन प्रभाग मुख्यालय में आयोजित एक सादे किन्तु गरिमामय समारोह में इस परियोजना की बुकलेट का विमोचन किया गया। बुकलेट का विमोचन विधायक जयमंगल कन्नौजिया और अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ए.पी. सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर डीएफओ निरंजन सुर्वे, एसडीओ एस.के. सिंह, वनकर्मी, स्थानीय प्रतिनिधि और WTI के अधिकारी मौजूद रहे।
डीएफओ निरंजन सुर्वे ने कहा कि यह परियोजना न केवल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक ठोस पहल है, बल्कि यह स्थानीय समुदायों की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने बताया कि अनुसंधान के माध्यम से वन्यजीवों के व्यवहार, आवास, प्रवासन और भोजन की उपलब्धता पर अध्ययन किया जाएगा। इससे भविष्य में संरक्षण रणनीतियों को और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
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उन्होंने आगे कहा, “हमारा लक्ष्य है कि इस प्रोजेक्ट में स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों को भी जोड़ा जाए। जब स्थानीय समुदाय संरक्षण के मिशन का हिस्सा बनेंगे, तभी वास्तविक परिवर्तन संभव होगा। इससे मानव-वन्यजीव सहअस्तित्व को नई मजबूती मिलेगी।”
अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ए.पी. सिन्हा ने इस परियोजना को एक “वैज्ञानिक पहल” करार दिया। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण सिर्फ वृक्षों को बचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने का प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस रिसर्च के नतीजे प्रदेश के अन्य वन्यजीव प्रभागों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेंगे।
कार्यक्रम में विधायक जयमंगल कन्नौजिया ने कहा कि वन और वन्यजीव किसी भी क्षेत्र की जीवनरेखा होते हैं। उन्होंने कहा, “यह प्रोजेक्ट न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक सिद्ध होगा, बल्कि प्रदेश में ईको-टूरिज्म और हरित विकास की संभावनाओं को भी नई दिशा देगा।” उन्होंने वन विभाग और WTI की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह साझेदारी सरकार के “हरित उत्तर प्रदेश” अभियान को और गति प्रदान करेगी।
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WTI के प्रतिनिधियों ने बताया कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत आधुनिक तकनीक जैसे कैमरा ट्रैपिंग, GPS ट्रैकिंग और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग किया जाएगा, जिससे वन्यजीवों की गतिशीलता और उनकी जीवनशैली पर सटीक जानकारी एकत्र की जा सकेगी। कार्यक्रम के अंत में सभी अधिकारियों ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति सामूहिक संकल्प लिया और स्थानीय जनता से अपील की कि वे जंगलों की रक्षा और अवैध कटान रोकने में सहयोग करें।
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में शुरू हुआ यह रिसर्च प्रोजेक्ट न केवल महराजगंज जिले के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए वन संरक्षण के एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है।