प्रयागराज में पोस्टपेड से प्रीपेड हुए स्मार्ट मीटर! उपभोक्ताओं में मचा हड़कंप

प्रयागराज में 30 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटर पोस्टपेड से प्रीपेड में बदले गए। जिले के कई क्षेत्रों में मीटर लगाए गए हैं। बकायेदारों को बिजली कटने का डर था।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 17 July 2025, 1:25 PM IST
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Prayagraj: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में बिजली उपभोक्ताओं के बीच हड़कंप मच गया है, क्योंकि लगभग 30 हजार से अधिक स्मार्ट मीटरों को पोस्टपेड से प्रीपेड में बदल दिया गया है। इस बदलाव ने शहर के सात डिवीजनों में रहने वाले लोगों को हैरान कर दिया है। सोमवार को अचानक आए एक मैसेज ने उपभोक्ताओं के बीच खलबली मचा दी, जिसमें बताया गया कि उनके स्मार्ट मीटर अब प्रीपेड मोड में काम करेंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मंगलवार को कई लोग उपकेंद्रों पर पहुंचे, जिनमें बकायेदार भी शामिल थे, जिन्हें डर था कि उनका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा। हालांकि, अधिकारियों ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए उपभोक्ताओं को राहत देने की कोशिश की।

इन इलाकों में लगे हैं स्मार्ट मीटर

प्रयागराज के रामबाग, बमरौली, म्योहाल, टैगोर टाउन, कल्याणी देवी, करैलाबाग और नैनी जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। इनमें से सबसे अधिक मीटर बमरौली में स्थापित किए गए हैं, जहां 90 प्रतिशत से ज्यादा मीटर पहले पोस्टपेड मोड में थे। इन मीटरों को अब प्रीपेड सिस्टम में बदला गया है, जिसके बाद उपभोक्ताओं के बीच भ्रम फैल गया।

मैसेज ने बढ़ाई लोगों की बेचैनी

सोमवार दोपहर को हजारों उपभोक्ताओं के मोबाइल पर एक मैसेज आया। इस मैसेज ने शहर में हड़कंप मचा दिया। मंगलवार को कानपुर रोड, केंद्राचल, कसारी मसारी और बमरौली जैसे क्षेत्रों के लोग उपकेंद्रों पर पहुंचे और अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। कई उपभोक्ताओं का कहना था कि स्मार्ट मीटर लगवाते समय उन्हें यह नहीं बताया गया था कि इसे प्रीपेड में बदला जाएगा। कुछ लोगों ने बकाया बिल को लेकर भी चिंता जताई, क्योंकि उन्हें डर था कि बिजली कटने पर एकमुश्त भारी राशि का भुगतान करना मुश्किल होगा।

अधिकारियों ने दी राहत की खबर

उपभोक्ताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए कानपुर रोड के सब डिवीजनल ऑफिसर (एसडीओ) वीरेंद्र कुमार ने स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटरों को प्रीपेड में बदलने का फैसला लखनऊ के मुख्य कार्यालय से लिया गया है, ताकि ऑनलाइन व्यवस्था को और पारदर्शी बनाया जा सके। उन्होंने बकायेदारों को आश्वस्त करते हुए कहा कि पुराने बकाए को फ्रीज कर दिया गया है और नई रीडिंग शून्य से शुरू होगी। उपभोक्ताओं को यह भी बताया गया कि उनके द्वारा किया गया रिचार्ज 90 प्रतिशत बिजली खपत के लिए इस्तेमाल होगा, जबकि बाकी 10 प्रतिशत राशि पुराने बकाए के भुगतान में समायोजित की जाएगी। इससे बकायेदारों को पुराने बिल चुकाने में आसानी होगी और बिजली कटने का डर भी कम होगा।

उपभोक्ताओं में मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस बदलाव को लेकर उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली हैं। कुछ लोग प्रीपेड सिस्टम को सुविधाजनक मान रहे हैं, क्योंकि इससे बिजली के उपयोग पर नियंत्रण रखा जा सकता है। वहीं, कुछ उपभोक्ता इसे अतिरिक्त बोझ मान रहे हैं, खासकर वे जिनके पास पहले से बकाया बिल हैं। कई लोगों ने सुझाव दिया कि इस तरह के बदलाव से पहले उपभोक्ताओं को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए थी, ताकि भ्रम की स्थिति न बने।

क्या है प्रीपेड स्मार्ट मीटर की खासियत?

प्रीपेड स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बिजली का उपयोग करने से पहले रिचार्ज करने की सुविधा देता है, जैसे मोबाइल रिचार्ज की तरह। इससे बिजली की खपत पर नजर रखना आसान हो जाता है और बिल से जुड़े झंझट कम होते हैं। हालांकि, इस प्रणाली को लागू करने से पहले जागरूकता अभियान चलाना जरूरी था, ताकि उपभोक्ता इसे बेहतर ढंग से समझ सकें।

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