

मुजफ्फरनगर में विजयदशमी के मौके पर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शस्त्र पूजन का आयोजन किया। कार्यकर्ताओं ने शास्त्रों और शस्त्रों की रक्षा के लिए शपथ ली और हथियारों का प्रदर्शन भी किया। मनोज सैनी ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए शस्त्रों का उपयोग आवश्यक है।
हथियारों का प्रदर्शन
Muzaffarnagar: विजयदशमी का पर्व हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस बार मुजफ्फरनगर जिले के शिवसेना कार्यालय में विशेष आयोजन हुआ, जहां शिवसेना कार्यकर्ताओं ने विधिपूर्वक शस्त्र पूजन किया। कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं ने शस्त्रों पर तिलक किया और पूजा अर्चना की, साथ ही हथियारों का प्रदर्शन भी किया।
पूजन के बाद कार्यकर्ताओं ने तलवार, फरसा, कृपाण और बंदूक जैसे हथियारों को अपने हाथों में लिया और नारेबाजी करते हुए इनका प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले हिंदू योद्धाओं ने यह शपथ ली कि वे हमेशा धर्म की रक्षा करेंगे और अधर्म का नाश करने के लिए तत्पर रहेंगे। यह आयोजन पूरी तरह से हिंदू संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं को समर्पित था और इसमें शास्त्रों के साथ-साथ शस्त्रों की महत्ता को भी समझाया गया।
हथियारों का प्रदर्शन
शिवसेना कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि शास्त्रों की रक्षा शस्त्रों से ही संभव है। उनका मानना था कि जब तक शस्त्रों का उपयोग नहीं किया जाएगा, तब तक न तो शास्त्रों की रक्षा हो सकती है और न ही धर्म की। इस अवसर पर शिवसेना प्रदेश संगठन मंत्री मनोज सैनी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने भी बुराई के नाश के लिए शस्त्रों का उपयोग किया था और हमें भी समय आने पर शस्त्रों का उपयोग करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
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शिवसेना के मंडल अध्यक्ष लोकेश सैनी और जिला अध्यक्ष अखिलेश पुरी की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सभी कार्यकर्ताओं ने यह शपथ ली कि वे धर्म की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहेंगे और किसी भी परिस्थिति में अधर्म को बढ़ने नहीं देंगे। शपथ के दौरान कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि जब-जब अधर्म बढ़ेगा और धर्म संकट में होगा, तब-तब शस्त्रों का उपयोग करना आवश्यक होगा।
मनोज सैनी ने यह भी कहा कि हमे किसी भी स्थिति में शस्त्रों से डरना नहीं चाहिए। जब राष्ट्र की रक्षा की बात आती है, तो शस्त्रों का उपयोग करना आवश्यक हो जाता है। इतिहास में जब भी बुराई और अधर्म बढ़े, तब-तब शस्त्रों का सहारा लिया गया। जैसे भगवान श्रीराम ने बुराई का नाश करने के लिए राक्षसों से युद्ध किया, ठीक वैसे ही हमें भी किसी भी हालत में धर्म की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिवसेना कार्यकर्ता और स्थानीय लोग शामिल हुए। कार्यकर्ताओं ने तिलक करने के बाद शस्त्रों की पूजा की और उनके महत्व को समझते हुए शपथ ली कि वे हमेशा धर्म की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, कार्यक्रम में हिंदू योद्धाओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि शास्त्रों के महत्व को शस्त्रों के उपयोग से ही सुनिश्चित किया जा सकता है।
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विजयदशमी के दिन विशेष रूप से शस्त्र पूजन का आयोजन एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस दिन को याद करते हुए शिवसेना कार्यकर्ताओं ने यह संदेश देने की कोशिश की कि जब तक समाज में अच्छे लोग और धर्म की रक्षा करने वाले योद्धा मौजूद हैं, तब तक बुराई और अधर्म का नाश संभव है। शस्त्रों का उपयोग समाज की रक्षा के लिए किया जाना चाहिए, ताकि समाज में शांति और व्यवस्था बनी रहे।