

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के अंतर्गत आने वाले आठ जिलों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना और सजा हो सकती है।
यूपी में पटाखों पर रोक
Lucknow: देश में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने दिल्ली-एनसीआर से जुड़े प्रदेश के आठ जिलों यानी गाजियाबाद, नोएडा (गौतम बुद्ध नगर), मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, शामली और मुजफ्फरनगर में पटाखों के निर्माण, स्टोरेज, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
दरअसल, यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के तहत लिया गया है जिसमें दीपावली और अन्य अवसरों पर NCR में होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए पटाखों पर बैन लगाया गया था। कोर्ट के आदेश का उद्देश्य खासकर त्योहारों के दौरान खतरनाक स्तर तक पहुंचने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाना है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत एक लाख रुपये तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल हो सकती है। अगर किसी को पहले सजा मिल चुकी है और वह फिर से नियम तोड़ता है तो उस पर 5,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा।
सार्वजनिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने नागरिकों को शिकायत दर्ज करने के कई विकल्प दिए हैं।
शिकायतकर्ता निम्न माध्यमों से नियम तोड़ने वालों की सूचना दे सकते हैं-
उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि आदेश का उल्लंघन किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पटाखों का निर्माण करने वाली फैक्ट्रियों, दुकानदारों और उपयोगकर्ताओं सभी पर निगरानी रखी जा रही है।