

असोथर कस्बे और आसपास के ग्रामीण इलाकों में मोरंग डंपो से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों ने जनजीवन दूभर कर दिया है। भारी-भरकम ट्रकों की लगातार आवाजाही से कस्बे और गांवों की सड़कें टूट-फूटकर खस्ताहाल हो चुकी हैं।
ओवरलोड वाहनों ने सड़को का बिगाड़ा हाल
फतेहपुर: असोथर कस्बे और आसपास के ग्रामीण इलाकों में मोरंग डंपो से निकलने वाले ओवरलोड वाहनों ने जनजीवन दूभर कर दिया है। भारी-भरकम ट्रकों की लगातार आवाजाही से कस्बे और गांवों की सड़कें टूट-फूटकर खस्ताहाल हो चुकी हैं। कहीं आरसीसी उखड़ गई है, कहीं डामर का नामोनिशान मिट गया है, तो कहीं नई बनी सड़क दलदल में तब्दील हो गई है। हादसों का खतरा लगातार बढ़ रहा है और जिम्मेदार विभाग आंखें मूंदे बैठा है।
ओवरलोड वाहनों ने सड़को का बिगाड़ा हाल
जानकारी के मुताबिक असोथर क्षेत्र के इर्द-गिर्द तीन बड़े मोरंग डंप संचालित हो रहे हैं। इन डंपों से रोजाना दर्जनों ओवरलोड वाहन निकलते हैं, जो कठौता, जरौली, रामनगर कौहन और असोथर मार्ग को पूरी तरह बर्बाद कर रहे हैं। कस्बे की आरसीसी सड़क कई जगह ध्वस्त हो चुकी है जबकि असोथर - कठौता रोड से डामर गायब हो गया है। जरौली की नवनिर्मित सड़क दलदल में तब्दील हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी और खनिज विभाग पूरी तरह निष्क्रिय है।
धूल, कीचड़ और जाम से बेहाल लोग
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात में सड़कें कीचड़ में बदल जाती हैं, वहीं सामान्य दिनों में ओवरलोड ट्रकों से उड़ने वाली धूल ने दमा और सांस के मरीजों की संख्या बढ़ा दी है। वहीं पशुओं को भी धूल से फंगल हो रहा है और चारा खराब होने से सेहत पर असर पड़ रहा है। आए दिन जाम की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। स्कूल वाहन फंस जाते हैं, तो पैदल और साइकिल से निकलने वाले छात्र-छात्राओं को भी दिक्कत होती है और गिरकर चुटहिल हो रहे हैं। व्यापार पर भी असर पड़ा है।
अवैध कारोबार, राजस्व को नुकसान
ग्रामीणों का आरोप है कि डंप संचालक बिना रावन्ना (परिवहन पर्ची) के मोरंग बेच रहे हैं, जिससे राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है। बावजूद इसके खनिज विभाग कार्रवाई करने से बच रहा है। वहीं ओवरलोड ट्रकों से कई पुल-पुलिया भी टूट चुकी हैं। किसानों ने बताया कि सड़कों की तबाही के कारण खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। ग्रामीणों ने चंदा कर कठौता माइनर की सफाई कराई है।
नवरात्रि से पहले सड़क दुरुस्त करने की मांग
नगर पंचायत असोथर के अखिल भारतीय मौर्य महासभा उपाध्यक्ष रामप्रकाश मौर्य, संदीप मौर्य, विपिन मौर्य, बुद्धसेन मौर्य, दुर्गेश मौर्य, नवयुवक दुर्गा जागरण समिति के अध्यक्ष शिवा, राज मौर्य, तेजप्रताप सिंह, किशोर, छोटई पासवान समेत कई ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर नवरात्रि से पहले सड़कें दुरुस्त नहीं की गईं और ओवरलोड वाहनों की आवाजाही पर रोक नहीं लगी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि इसी मार्ग से नवरात्रि के दौरान श्रद्धालु मंदिरों और दुर्गा जागरण मंचों पर जाते हैं। ऐसे में भक्तों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और हादसे का डर भी बना रहेगा।
सरकार के निर्देश भी हो रहे नजरअंदाज
ग्रामीणों ने कहा कि सावन माह में हजारों कांवड़िये इसी मार्ग से गुजरे थे। प्रदेश सरकार ने गड्ढामुक्त और सुगम मार्ग उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे, लेकिन यहां बिल्कुल विपरीत स्थिति देखने को मिली।
विभागों की मिलीभगत का आरोप
ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस, पीडब्ल्यूडी, परिवहन और खनिज विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी जवाबदेही से बच रहे हैं और जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों का साफ कहना है कि अगर जल्द ही सड़कें दुरुस्त कर ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।