

महराजगंज जिले में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। रिपोर्ट लगाने के नाम पर रिश्वत मांगने वाले राजस्व निरीक्षक योगेन्द्र कुमार को जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं। जानिए डाएनामाइट न्यूज़ पर पूरी ख़बर
डीएम संतोष कुमार शर्मा
Maharajganj: महराजगंज जिले में भ्रष्टाचार की जड़ों को उजागर करती एक बड़ी कार्रवाई हुई है। तहसील सदर में तैनात राजस्व निरीक्षक योगेन्द्र कुमार को रिश्वत मांगने के आरोप में जिलाधिकारी ने निलंबित कर दिया है। मामला अशोक कुमार शर्मा बनाम सरकार के मुकदमे से जुड़ा है, जो मौजा पौहरिया, तप्पा मटकोपा, परगना हवेली, तहसील सदर से संबंधित है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुआर कायकर्ता अशोक कुमार शर्मा ने आरोप लगाया था कि प्रकरण में सकारात्मक रिपोर्ट लगाने के लिए राजस्व निरीक्षक ने अवैध धनराशि की मांग की। रुपये न देने पर गलत व भ्रामक रिपोर्ट भेजी गई। शिकायत पर उपजिलाधिकारी महराजगंज द्वारा जांच कराई गई। जांच आख्या 6 सितम्बर 2025 को सामने आई, जिसमें पेश किए गए ऑडियो और वीडियो साक्ष्य से यह साफ हो गया कि राजस्व निरीक्षक ने वास्तव में रिश्वत मांगी थी।
इतना ही नहीं, कार्य प्रदर्शन की समीक्षा में भी राजस्व निरीक्षक की लापरवाही उजागर हुई। उ०प्र० राजस्व संहिता-2006 की धारा-24 के अंतर्गत कुल 45 प्रकरणों में से मात्र 4 का प्रारंभिक आख्या प्रस्तुत किया गया। धारा-32/38 के 9 प्रकरणों और धारा-30 के 19 प्रकरणों में कोई कार्यवाही नहीं की गई। यह स्पष्ट हुआ कि राजस्व निरीक्षक ने न केवल भ्रष्टाचार किया, बल्कि सरकारी दायित्वों की भी गंभीर उपेक्षा की।
जिलाधिकारी ने मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि राजस्व निरीक्षक द्वारा उ०प्र० सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली-1956 के नियम 3 व 11 का उल्लंघन किया गया है। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर योगेन्द्र कुमार को उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के नियम 7 के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है।
निलंबन अवधि में राजस्व निरीक्षक का मुख्यालय तहसील निचलौल निर्धारित किया गया है। उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और बिना पूर्व अनुमति मुख्यालय से अनुपस्थित रहने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
इस कार्रवाई के बाद जिले में हड़कंप मचा हुआ है। किसानों और फरियादियों ने राहत की सांस ली है और आमजन में यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तो वहीं जिलाधिकारी ने साफ साफ कह दिया कि जनसमस्याओं के निस्तारण में शिथिलता बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारी/कर्मचारी संवेदनशीलता के साथ शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित कराए जाने हेतु कड़ा निर्देश। शिथिलता बरतने वालों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा।