

अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
राम मंदिर निर्माण अंतिम चरण में
अयोध्या : अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण कार्य में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि जुड़ गई है। मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्री राम का भव्य महल बनकर पूरी तरह तैयार हो गया है। सभी दरवाजे लग चुके हैं और राम दरबार की स्थापना हो चुकी है। अब मंदिर के छह अनुपूरक मंदिरों और सप्तऋषियों को समर्पित सात मंदिरों में भी दरवाजे लगा दिए गए हैं। सिर्फ शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना बाकी है, जो 31 मई को की जाएगी। इसके बाद 3 से 5 जून के बीच मंदिर परिसर में देवताओं और राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान पूरा किया जाएगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, प्रथम तल पर भगवान श्री राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की मूर्तियां पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं। ये सभी मूर्तियां जयपुर से मंगवाई गई थीं और इन्हें ढाई फीट ऊंचे सिंहासन पर सजाया गया है। अनुपूरक मंदिरों की मूर्तियां पहले ही मंदिर परिसर में आ चुकी थीं। मुख्य द्वार लग चुका है
दस दिन पहले गर्भगृह का मुख्य द्वार लग चुका है, जिसके बाद अन्य द्वार लगाने का काम तेजी से शुरू हो गया। मंदिर निर्माण के लिए जिम्मेदार कार्यदायी संस्था एलएंडटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने बताया कि प्रथम तल पर कुल 15 द्वार लगाए गए हैं, जिनमें से अधिकांश का काम पूरा हो चुका है। भूतल पर 18 और द्वितीय तल पर 14 द्वार बनाए गए हैं, जिनमें से द्वितीय तल पर कुछ द्वार लगने बाकी हैं।
प्रथम तल के द्वारों पर सोने की परत नहीं चढ़ेगी। परियोजना निदेशक ने स्पष्ट किया कि इस तल के किसी भी द्वार पर सोना चढ़ाने की कोई योजना नहीं है।
राम मंदिर का निर्माण कार्य 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के साथ शुरू हुआ था। तब से मंदिर का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है। मंदिर निर्माण में प्राचीन वास्तु शास्त्र का पालन करते हुए आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मंदिर तीन मंजिल का होगा, जिसमें अलग-अलग धार्मिक आयोजनों और श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
राम मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है। देश-विदेश से लाखों लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। जनवरी 2024 में रामलला की पहली मूर्ति स्थापित होने के बाद से अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में भारी उछाल आया है।
अब प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के साथ अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक अध्याय की ओर बढ़ रहा है। रामलला का यह भव्य मंदिर भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक बनेगा और पूरी दुनिया में हिंदू आस्था का केंद्र बनेगा।