

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारियों की भ्रष्टाचारी करतूतों से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी फैल चुकी है। सोमवार को सलोन ब्लाक क्षेत्र स्थित अलीगंज डिहवा गांव के ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्रामीणों का धरना
Raebareli: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारियों की भ्रष्टाचारी करतूतों से ग्रामीणों में गहरी नाराजगी फैल चुकी है। सोमवार को सलोन ब्लाक क्षेत्र स्थित अलीगंज डिहवा गांव के ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने बैनर लगाकर साफ तौर से कहा कि महीनों से भ्रष्टाचार के खिलाफ साक्ष्य देने के बावजूद दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, और अब वे तभी धरने से उठेंगे जब ठोस कार्रवाई की जाएगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह पूरा मामला सलोन ब्लाक के अलीगंज डिहवा गांव का है, जहां ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी ने ओपन जिम सेंटर बनाने के नाम पर ग्राम सभा की ज़मीन खाली करवा ली थी। सरकारी बजट से ओपन जिम सेंटर बनवाने के बाद ग्राम प्रधान ने इसे अपने निजी आशियाने के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इस भ्रष्टाचार के कई साक्ष्य सामने आने के बाद, ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी और इसके बाद हाईकोर्ट खंडपीठ लखनऊ का दरवाजा भी खटखटाया।
उच्च न्यायालय ने डीएम को मामले की जांच के निर्देश दिए, जिसके बाद त्रि-स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया। हालांकि, कमेटी के सदस्य ग्राम प्रधान और सलोन ब्लाक के कर्मचारियों के प्रभाव और प्रलोभन में आकर ग्रामीणों की आवाज दबाने में लगे हुए हैं। इस स्थिति से नाराज ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय के सामने बैनर लगाकर धरना दिया और कार्रवाई की मांग की।
ग्रामीणों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा और जब तक दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, वे धरने से नहीं उठेंगे। वे यह भी आरोप लगा रहे हैं कि अधिकारियों द्वारा मामले की जांच को जानबूझकर टाला जा रहा है और भ्रष्टाचारियों को बचाया जा रहा है। ग्रामीणों ने डीएम से कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि इस तरह के भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके और उनकी आवाज सुनी जाए। धरने में शामिल ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें न्याय मिलने तक वे शांत नहीं बैठेंगे।