

रायबरेली में करणी सेना और भाजपा किसान मोर्चा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना दिया। नेता रमेश बहादुर सिंह ने आरोप लगाया कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों का शोषण हो रहा है और कमीशन के लिए बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं।
करणी सेना का का हल्ला बोल प्रदर्शन
Raebareli: रायबरेली में करणी सेना के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ोरदार धरना प्रदर्शन किया। भाजपा किसान मोर्चा के नेता रमेश बहादुर सिंह ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल सहित ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों का शोषण किया जा रहा है और बाहर की दवाएं लिखकर मोटा कमीशन कमाया जा रहा है।
धरने के दौरान रमेश बहादुर सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर सरकारी सुविधा मिलने के बावजूद मरीजों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों का रवैया गुंडई वाला हो गया है और वह आम जनता के साथ अमानवीय व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने एक गरीब अनुसूचित जाति की महिला की मौत का मामला भी उठाया, जिसमें डॉक्टरों की लापरवाही के कारण प्रसव के दौरान जान चली गई।
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नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि एम्स जैसे बड़े संस्थानों में भी मरीजों को सिर्फ रेफर कर दिया जाता है, इलाज नहीं किया जाता। वहीं जिला अस्पतालों में 90% ऐसी दवाएं लिखी जा रही हैं जिन पर डॉक्टरों को मोटा कमीशन मिलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग सरकार की मंशा पर पानी फेर रहा है।
करणी सेना पदाधिकारियों और अन्य संगठनों ने चेतावनी दी कि जब तक स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी धरना स्थल पर नहीं आते और समस्याओं पर बात नहीं करते, धरना अनिश्चितकालीन रूप से जारी रहेगा।
धरने में जिला अध्यक्ष मोनू भदौरिया, प्रधान संघ के सदस्य, और कई अन्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। इन सभी का कहना है कि जब तक लापरवाह डॉक्टरों और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक यह आंदोलन खत्म नहीं होगा।
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धरने का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और संवेदनशीलता लाना है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे सरकार के साथ हैं, लेकिन जो अधिकारी सरकार की योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ उठी यह आवाज अब एक जनआंदोलन का रूप लेती दिख रही है। यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो यह आंदोलन जिले भर में फैल सकता है।