रायबरेली में स्वच्छता अभियान की खुली पोल, बंदीपुर का सामूहिक शौचालय बना भ्रष्टाचार की भेंट

रायबरेली जिले के अमावा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा बंदीपुर में बने सामूहिक शौचालय की हालत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की असलियत को उजागर कर रही है।

Raebareli: रायबरेली जिले के अमावा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा बंदीपुर में बने सामूहिक शौचालय की हालत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की असलियत को उजागर कर रही है। ग्रामीणों की सुविधा के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए इस शौचालय की वर्तमान दशा बेहद चिंताजनक है। शौचालय न सिर्फ बदहाल है बल्कि अब ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

जिम्मेदारी मिलने के बाद भी छोड़ दिया लावारिस

जानकारी के अनुसार, इस शौचालय की देखरेख की जिम्मेदारी एक स्थानीय समूह को सौंपी गई थी। लेकिन कथित तौर पर पैसा निकालने के बाद उस समूह ने शौचालय को लावारिस छोड़ दिया। नियमित साफ-सफाई और मरम्मत न होने के कारण अब यह पूरी तरह जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है।

CITY SP की सिंघम एंट्री से थानों में मचा हड़कंप, देर रात शहरी थानों पर हुई सख्त पड़ताल

बारिश में जलभराव, दीवारें जर्जर

बारिश के मौसम में शौचालय परिसर में जलभराव हो जाता है जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शौचालय की दीवारें टूट चुकी हैं और अंदर भारी गंदगी है। ऐसे हालात में ग्रामीण इसका उपयोग करने से कतराते हैं। स्थिति इतनी खराब है कि लोग आसपास खुले में शौच करने को मजबूर हैं, जिससे स्वच्छता अभियान की भावना को गहरी चोट पहुंच रही है।

ग्रामीणों में आक्रोश, जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई की मांग

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह शौचालय अब भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण बन चुका है। उनका कहना है कि संबंधित अधिकारियों और देखरेख करने वाले समूह की जवाबदेही तय किए बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन से जांच कर कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।

British Army: अब रोबोट संभालेंगे बम डिफ्यूज करने की जिम्मेदारी, जानिए कहां हो रही तैनाती

सवालों के घेरे में स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत पूरे देश में स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए, लेकिन बंदीपुर जैसे गांवों की जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। यह मामला केवल एक शौचालय का नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता, निगरानी और जवाबदेही की कमी का प्रतीक बन चुका है।

Location :