

सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर छोटा राजन की जमानत रद्द कर दी है। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट को अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को जमानत के फैसले को लेकर जमकर खरी खोटी सुनाई है।
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर राजेंद्र सदाशिव निकालजे उर्फ छोटा राजन को जमानत दिए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर गहरी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने पूछा कि ऐसे इंसान की सजा क्यों सस्पेंड की जानी चाहिए जो 27 साल फरार रहा और जिसे आजीवन कारावास की सजा है।
सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान छोटा राजन की जमानत याचिका नामंजूर कर दी है।
सीबीआई की ओर से एडशिनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि छोटा राजन चार और मामलों में भी दोषी है और वह 27 साल फरार रहा। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच मामले पर सुनवाई कर रही थी।
जस्टिस संदीप मेहता ने एएसजी एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद कहा, 'चार मामलों में दोषी और 27 साल फरार रहा। ऐसे इंसान की सजा को क्यों सस्पेंड किया जाना चाहिए।
छोटा राजन की ओर से दलीलें पेश करते हुए उसके वकील ने कहा कि 71 में से 47 मामले ऐसे हैं, जिनमें सीबीआई उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं पेश कर सकी और वो मामले बंद कर दिए गए।
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हालांकि, वकील ने स्वीकार किया कि वर्तमान दोषसिद्धी मर्डर केस में छोटा राजन की दूसरी दोषसिद्धी है। उसे पहले भी एक पत्रकार की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।
गौरतलब है कि 4 मई, 2001 को छोटा राजन के गैंग के दो लोगों ने जया शेट्टी की उनके ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी। बताया गया कि जया शेट्टी ने 50 हजार रुपये देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उनका मर्डर कर दिया गया। मई, 2024 में स्पेशल मकोका कोर्ट ने छोटा राजन को इस मामले में आजीवन कारावस की सजा सुनाई थी।
छोटा राजन को 2011 में एक पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। साल 2015 में छोटा राजन को बाली से गिरफ्तार कर भारत लाया गया था।
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दरअसल पिछले साल मई में, CBI की एक विशेष अदालत ने जया शेट्टी की हत्या के लिए राजन को दोषी ठहराया था, उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। राजन ने इस सजा के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
23 अक्टूबर, 2024 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में उसकी सजा निलंबित कर दी और जमानत दे दी । हालांकि वह जेल से बाहर नहीं आया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छोटा राजन पहले ही दूसरे मामलों में सजा काट रहा है, वो पहले से ही न्यायिक हिरासत में है।
ऐसे में बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द करने का भी कोई असर नहीं पड़ेगा। वो पहले की तरह ही जेल में बना रहेगा।