

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की एसआईआर प्रक्रिया की वैधता पर अंतिम सुनवाई के लिए 7 अक्टूबर तय की है। कोर्ट ने कहा, यदि प्रक्रिया में अवैधता पाई गई तो पूरी एसआईआर रद्द की जा सकती है। यह फैसला पूरे भारत पर लागू होगा और आधार की भूमिका पर भी बहस जारी है।
कोर्ट ने अंतिम दलीलों के लिए तय की तारीख
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रही एसआईआर (Special Summary Revision) प्रक्रिया की वैधता को लेकर 7 अक्टूबर 2025 को अंतिम दलीलें सुनने की तारीख तय कर दी है। कोर्ट ने साफ किया है कि वह इस मुद्दे पर एक ऐसा फैसला देगा, जिसका प्रभाव पूरे भारत पर पड़ेगा।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि फिलहाल यह मानकर चला जा रहा है कि एक संवैधानिक संस्था होने के नाते भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एसआईआर प्रक्रिया को कानून और निर्धारित नियमों के अनुसार ही संचालित किया है। कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि अगर भविष्य में प्रक्रिया में किसी प्रकार की अवैधता पाई जाती है, तो पूरी एसआईआर को रद्द कर दिया जाएगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार की एसआईआर प्रक्रिया को टुकड़ों में परखा नहीं जा सकता। कोर्ट का अंतिम फैसला सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह निर्णय भारत के अन्य राज्यों में चल रही या भविष्य की एसआईआर प्रक्रियाओं पर भी प्रभाव डालेगा।
सुप्रीम कोर्ट की दो टूक
पीठ ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग को देशभर में मतदाता सूची के पुनरीक्षण की प्रक्रिया (एसआईआर) से रोक नहीं सकती। हालांकि, बिहार में एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाने वाले याचिकाकर्ताओं को 7 अक्टूबर को देश भर की एसआईआर प्रक्रिया को लेकर भी अपना पक्ष रखने की अनुमति दी गई है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर 2025 के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर भी नोटिस जारी किया है, जिसमें आधार कार्ड को एसआईआर में 12वें वैकल्पिक दस्तावेज के रूप में मान्यता दी गई थी। कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन अगर कोई मतदाता इसे पहचान पत्र के रूप में पेश करता है, तो चुनाव आयोग उसकी सत्यता की जांच कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में लिया गया अंतिम निर्णय भारत में मतदाता पहचान और सूचीबद्धता की प्रक्रिया में मूलभूत बदलाव ला सकता है। इसलिए यह सुनवाई सिर्फ बिहार नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अहम मोड़ साबित हो सकती है।