DN Exclusive: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता Rahul Gandhi का पंजाब दौरा क्यों रहा खास? जानिए वो 5 बड़ी बातें

राहुल गांधी का पंजाब दौरा बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा बना। उन्होंने प्रभावित इलाकों का दौरा किया, सेवा का संदेश दिया और राज्य सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए। यह दौरा राजनीतिक से ज्यादा मानवीय और संगठनात्मक एकजुटता का प्रतीक बनकर उभरा।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 15 September 2025, 3:37 PM IST
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Punjab: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में पंजाब का दौरा किया। यह दौरा केवल एक राजनीतिक गतिविधि भर नहीं था, बल्कि इससे कई बड़े संदेश जुड़े हुए हैं। बाढ़ से बेहाल पंजाब के लोगों के बीच जाकर राहुल गांधी ने न केवल उनका हाल जाना, बल्कि केंद्र और राज्य सरकार की व्यवस्थाओं पर भी अप्रत्यक्ष रूप से सवाल खड़े किए। आइए जानते हैं राहुल गांधी के इस दौरे से जुड़ी वो 5 बड़ी बातें, जो इसे खास बनाती हैं:

बाढ़ पीड़ितों के बीच राहुल की सीधी मौजूदगी

 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अमृतसर, अजनाला और रमदास जैसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात की, हालचाल पूछा और उनकी समस्याएं सुनीं। ऐसे समय में जब हजारों लोग बाढ़ के कारण बेघर हो चुके हैं, राहुल गांधी की जमीनी उपस्थिति ने जनता में भरोसे का भाव पैदा किया। यह दौरा एक राष्ट्रीय नेता द्वारा सीधे तौर पर आम जनता से जुड़ने का मजबूत संकेत था।

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सेवा करो' का संदेश—कांग्रेस के अंदर नई ऊर्जा

राहुल गांधी ने अपने दौरे के दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से सिर्फ एक बात कही—"सेवा करो और करते रहो।" इस अपील ने पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया कि वे राजनीति से ऊपर उठकर लोगों की मदद करें। नवजोत कौर सिद्धू ने इसे "बड़ी मोटिवेशन" करार दिया और कहा कि इससे घर बैठे लोग भी सेवा के लिए प्रेरित होंगे।

Rahul Gandhi के पंजाब दौरे की 5 बड़ी बातें

AAP सरकार पर सवाल, राज्य की तैयारी पर उठे गंभीर मुद्दे

राहुल गांधी के दौरे से एक और बड़ा पहलू यह जुड़ा कि राज्य सरकार की बाढ़ से निपटने की तैयारी कितनी कमजोर थी। नवजोत कौर सिद्धू ने सवाल उठाया कि पंजाब में डिजास्टर मैनेजमेंट की क्या स्थिति है? उन्होंने सरकार की वित्तीय स्थिति और तैयारी पर भी उंगली उठाई। यह दिखाता है कि कांग्रेस अब विपक्ष में रहकर जनहित से जुड़े सवालों को गंभीरता से उठा रही है।

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सिद्धू की गैरमौजूदगी में भी पार्टी की एकजुटता का संदेश

हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू इस दौरे में नजर नहीं आए, लेकिन उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने स्पष्ट किया कि वे पहले से राहत कार्यों में लगे हैं। इससे ये संदेश गया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एक ही लक्ष्य के लिए अलग-अलग मोर्चों पर काम कर रहे हैं, और संगठनात्मक एकता बनी हुई है।

धार्मिक आस्था और संवेदनशीलता का संतुलन

अमृतसर पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने गुरुद्वारा श्री समाध बाबा बुड्ढा साहिब में मत्था टेका और सभी के कल्याण की कामना की। यह दौरा न केवल एक मानवीय पहल थी, बल्कि पंजाब की धार्मिक-सांस्कृतिक भावनाओं के प्रति संवेदनशीलता भी दर्शाता है। उनके साथ भूपेश बघेल, राजा वड़िंग, प्रताप सिंह बाजवा और चरणजीत चन्नी जैसे नेता मौजूद रहे, जिससे पार्टी की एकजुटता का भी प्रदर्शन हुआ।

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राहत से राजनीति तक—हर स्तर पर अहम रहा दौरा

राहुल गांधी का पंजाब दौरा बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत और कांग्रेस के लिए पुनर्गठन का मौका था। उन्होंने यह दिखाया कि एक जिम्मेदार नेता न केवल संसद में सवाल उठाता है, बल्कि संकट के समय ज़मीन पर उतरकर लोगों के बीच भी खड़ा होता है। यही कारण है कि यह दौरा केवल "दौरा" नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और मानवीय संदेश बन गया है।

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