

पूर्वांचल के गांधी के नाम से प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना के योगदान को लोग भुला रहे हैं। महराजगंज के स्थानीय लोग और शिक्षक अब उनकी विरासत को संजोने की मांग कर रहे हैं।
प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना को लेकर खास बातचीत
Mahrajganj: महराजगंज जनपद, जो कभी पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना की कर्मभूमि रहा है, अब धीरे-धीरे उन्हें भूलता जा रहा है। 13 जुलाई को उनका जन्मदिन आया और चला गया, लेकिन न कोई आयोजन हुआ, न ही शैक्षणिक संस्थानों में उन्हें याद किया गया।
प्रो. सक्सेना ने आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और महराजगंज को शिक्षा के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई। उन्होंने यहां पहला इंटर, डिग्री और पीजी कॉलेज स्थापित कर युवाओं को दिशा दी। सामाजिक-आर्थिक न्याय के लिए संघर्ष उनका जीवन दर्शन था। स्थानीय लोगों और शिक्षकों का मानना है कि आज की पीढ़ी अपने इतिहास से कट रही है। वे चाहते हैं कि शिक्षण संस्थानों में उनकी तस्वीरें लगाई जाएं और पाठ्यक्रम में उनके योगदान को शामिल किया जाए, ताकि नई पीढ़ी अपने नायकों को जान सके।